ऑनलाइन गिरोह का भंडाफोड़, इस जरिए 30 मिनट में 3 हजार कमाने का देते थे झांसा, दो चीनी नागरिक समेत 12 गिरफ्तार
आरोपियों ने की 4.75 करोड़ की धोखाधड़ी
दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट (CyPAD) को साइबर फ्रॉड के मामले में बड़ी कामयाबी मिली जब टीम ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया. पुलिस ने शुक्रवार को ऑनलाइन मार्केटिंग अभियान के जरिए आकर्षक रिटर्न का वादा करके लोगों को धोखा देने के आरोप में दो चीनी महिलाओं सहित 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए चीनी नागरिकों की पहचान चाओहॉन्ग डेंग डॉयोन्ग (27) और वू जियाझी (54) के रूप में की गई है. इसके अलावा 12 आरोपियों में से एक तिब्बती नागरिक भी शामिल है. आरोपियों ने एप्लिकेशन की आड़ में लोगों के डिवाइस में मॉलवेयर्स इंस्टाल कर रखा था.
पुलिस का दावा है कि आरोपियों ने पिछले दो महीने में करीब 40,000 लोगों से करोड़ों की ठगी की है. गिरफ्तार चीनी नागरिकों के पास से 25 लाख से ज्यादा नकद भी बरामद किया गया.
3 हजार की कमाई का झांसा
दिल्ली पुलिस के अनुसार, कई वॉट्सएप संदेशों के जरिए यह प्रसारित किया जा रहा था. जिसके माध्यम से संदेश प्राप्तकर्ता को एक लिंक के माध्यम से एक एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जा रहा था.
पीड़ितों को आरोपियों की ओर से बताया गया था कि वे एप पर महज 30 मिनट खर्च करके रोजाना 3,000 रुपये तक कमा सकते हैं. उन्हें बस फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर इंटरनेट सेलिब्रेटिज को प्रमोट करना था.
चूंकि ये संदेश इंटरनेशनल नंबर्स से आ रहे थे और लोगों से NEWWORLD.APK नाम का एप डाउनलोड करने को कहा जा रहा था. मॉलवेयर फोरेंसिक लैब को इसके यूआरएल और एप के साथ-साथ इससे जुड़े अन्य पहलुओं की जांच करने के लिए कहा गया था.
शिकायत पर जांच शुरू
एप्लिकेशन को एक प्रतिष्ठित एंटी-वायरस द्वारा मॉलवेयर के रूप में चिह्नित किया गया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह उपयोगकर्ताओं की फोन बुक तक पहुंच रहा था और उनके कंटेकेट्स लिस्ट में शामिल लोगों को संदेश भेज रहा था.
पुलिस ने कहा कि उन्हें एक शिकायत मिली जहां पीड़िता ने आरोप लगाया कि एक एप का इस्तेमाल करने के बाद उसके साथ 50,000 रुपये की धोखाधड़ी की गई. जांच के दौरान, यह पाया गया कि कई कंपनियों के नाम पर पंजीकृत कई बैंक खातों में धनराशि का लेन-देन किया गया था. इन कंपनियों के पते और उनके भारतीय निदेशकों के प्रोफाइल की वजह से शक हुआ. पुलिस ने कहा कि कुछ कंपनियों में चीनी नागरिक भी निदेशक थे.
मनी ट्रेल विश्लेषण से पता चला है कि कई शेल कंपनियों और क्रिप्टो-वॉलेट्स के माध्यम से धोखेबाज लोगों से ठगी कर रहे थे.
पुलिस उपायुक्त (CyPAD) अनीश रॉय ने बताया कि इन शेल कंपनियों के पीछे के प्रमुख गुर्गों की पहचान की गई और उन्हें दिल्ली-एनसीआर के कई स्थानों से बुधवार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने चीनी नागरिकों के कब्जे से 25.42 लाख रुपये बरामद किए. पुलिस ने यह भी कहा कि 12 बैंक खाते, क्रिप्टो-वॉलेट और पेमेंट गेटवे आईडी ब्लॉक कर दिए गए हैं और कुल 4.75 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है.
उन्होंने कहा कि आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए पेमेंट गेटवे के माध्यम से 39,781 लोगों के साथ ठगी की गई है.