पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के बीच चीन की शत्रुता पर बंटी राय, सर्वे में खुलासा

Update: 2023-06-24 12:16 GMT
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान हुए इवेंट्स से संबंधित जनता की राय जानने के लिए पूरे भारत में स्नैप पोल ने सर्वे किया। जिसमें खुलासा हुआ है कि भारतीय नागरिक, पीएम मोदी की राजकीय यात्रा पर चीन की प्रतिक्रिया और राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ उनकी गहन सैन्य और प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए तय किए गए रोडमैप पर बंटे हुए हैं।
स्नैप पोल के दौरान सवाल पूछा गया था- क्या प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की इस राजकीय यात्रा के बाद चीन भारत के प्रति और अधिक शत्रुतापूर्ण हो जाएगा? इसके जवाब में 44 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं की राय है कि यात्रा के बाद चीन भारत के प्रति और अधिक शत्रुतापूर्ण हो जाएगा। लगभग एक तिहाई इस तर्क से सहमत नहीं थे। जवाब देने वालों की कैटेगरी के बीच दिलचस्प अंतर थे।
भाजपा का समर्थन करने वालों में से 56 प्रतिशत की राय है कि चीन और अधिक शत्रुतापूर्ण हो जाएगा। इसके विपरीत, विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले लगभग 37 प्रतिशत लोग समान विचार रखते हैं। सामरिक मामलों के विशेषज्ञों और टिप्पणीकारों का मानना है कि अमेरिका और भारत के बीच तेजी से बढ़ती साझेदारी का मुख्य उद्देश्य चीन को एशिया में एकमात्र प्रमुख शक्ति बनने से रोकना है।
भारत और चीन के बीच संबंध निचले स्तर पर हैं, खासकर तब से जब जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प में 20 भारतीय सैनिक और अज्ञात संख्या में चीनी सैनिक मारे गए थे। शुक्रवार रात प्रधानमंत्री मोदी ने एक बेहद सफल राजकीय यात्रा पूरी की। इस दौरान रक्षा, दूरसंचार, सेमीकंडक्टर, ऊर्जा, शिक्षा और अंतरिक्ष एक्सप्लोरेशन व क्वांटम कंप्यूटिंग सहित अन्य अग्रणी प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में कई अहम समझौते हुए।
राष्ट्रपति जो बिडेन ने औपचारिक स्वागत और आधिकारिक भोज के अलावा व्हाइट हाउस में एक निजी रात्रिभोज के लिए पीएम मोदी की मेजबानी की, जिसमें 500 से अधिक मेहमान शामिल हुए। राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी दो अवसरों पर अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने वाले पहले भारतीय नेता बने। दर्जनों बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ से मिलने के अलावा, पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क और वाशिंगटन में दो बार भारतीय प्रवासियों को भी संबोधित किया।
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