ग्राहक का ठनका माथा, रेस्टोरेंट को जबरन सर्विस चार्ज वसूलना महंगा पड़ा, जानें मामला
कोर्ट ने रेस्टोरेंट को जुर्माने के रूप में सर्विस टैक्स वापस करने का आदेश दिया.
मुंबई: मुंबई के एक रेस्टोरेंट को ग्राहक से जबरन सर्विस चार्ज वसूलना महंगा पड़ गया. गुस्साए कस्टमर की शिकायत पर अब रेस्टोरेंट को 10 हजार रुपए चुकाने के का आदेश दिया गया है.
मामला मुंबई के बोरीवली क्षेत्र का है. यहां अमेरिकी शैली के रेस्टोरेंट चिली-अमेरिका ग्रिल एंड बार के खिलाफ एक ग्राहक ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकाय की. मामले में आयोग ने रेस्टोरेंट तको खराब व्यवहार करने का दोषी माना. कोर्ट ने रेस्टोरेंट को जुर्माने के रूप में सर्विस टैक्स वापस करने का आदेश दिया.
जानकारी के मुताबिक बोरीवली निवासी फ्रैंक मुल्लाकारा 2 मार्च 2019 को मलाड के माइंडस्पेस, इनऑर्बिट मॉल में अपने दोस्तों के साथ डिनर पर गए थे. उन्होंने रात को डिनर के लिए बीयर की बोतलें मंगाई. साथ में उन्होंने क्रिस्पी चिकन भी ऑर्डर किया.
ग्राहक फ्रैंक मुल्लाकारा को क्रिस्पी चिकन पसंद नहीं आया. उनके मुताबिक वह बेस्वाद था. रेस्टोरेंट के कर्मचारियों को जब यह बात बताई गई तो उन्होंने इसे बदलकर दे दिया, लेकिन इस बार भी उन्हें घटिया चिकन ्ही परोसा गया.
आखिर में तंग आकर मुल्लाकार ने अपने दोस्तों के साथ कहीं और खाना खाने का प्लान बनाया. जब उन्हें बिल थमाया गया तो रेस्टोरेंट का बिल 1694.01 था लेकिन इस मूल रकम में 10% सेवा शुल्क या सर्विस चार्ज भी जोड़ दिया गया.
मुल्लाकारा ने होटल स्टाफ से कहा कि वह सेवा से नाखुश थे और इसलिए उनसे सर्विस चार्ज नहीं लिया जाना चाहिए. इस दौरान कर्मचारियों ने मुल्लाकार और उसके दोस्तों के साथ बहस की. अपनी प्रतिष्ठ को
नुकसान पहुंचता देख उन्होंने भुगतान किया और चले गए.
रेस्टोरेंट ने अपनी सफाई में कहा कि उनके बिलिंग सिस्टम को इसी तरह सेट इसलिए इसे नहीं हटाया जा सकता है.
इसके बाद मुल्लाकारा ने आयोग से संपर्क किया और कहा कि रेस्टोरेंट ने सर्विस चार्ज पर सीजीएसटी और एसजीएसटी भी वसूल किया है, जो पुरी तरह से गलत है. हालांकि रेस्टोरेंट कभी अपनी सफाई पेश करने नहीं आया, जिसके कारण एकतरफा आदेश पारित कर दिया गया.
मुल्लाकारा ने 2016 में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के बारे में बताते हुए कहा कि ग्राहक के सर्विस चार्ज का भुगतान करना या न करना स्वैच्छिक है.
मामले पर गौर करने के बाद आयोग ने रेस्टोरेंट को मुल्लाकारा को 7% वार्षिक ब्याज के साथ 169.40 रुपये वापस करने का आदेश दिया. साथ ही एकमुश्त 10,000 रुपए देने का भी आदेश दिया.