CUET: 15 दिन के अंदर आवेदन न मिलने पर एचबीटीयू प्रशासन स्वयं प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा
CUET: सीयूईटी (CUET) (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) का रिजल्ट 15 दिन के अंदर घोषित नहीं हुआ तो एचबीटीयू प्रशासन खुद प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा। जिससे बीबीए, बीफार्मा, बीटेक-लेटरल एंट्री और बीटेक-बायोटेक्नोलॉजी की प्रवेश प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो सके, क्योंकि इन कोर्सों में प्रवेश सीयूईटी रिजल्ट के आधार पर होना था। गुरुवार को विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। एचबीटीयू ने अलग-अलग कोर्सों में प्रवेश के लिए अलग-अलग शर्तें तय की थीं। बीटेक में जेईई मेन्स के स्कोर के आधार पर प्रवेश होता था, जबकि अन्य कोर्सों में सीयूईटी को आधार बनाया गया था। लेकिन अभी तक सीयूईटी परीक्षा परिणाम जारी नहीं किया गया है। इसके चलते न सिर्फ प्रवेश प्रक्रिया रुकी हुई है, बल्कि छात्र, शिक्षक और अभिभावक परेशान हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समशेर की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले सप्ताह से छात्र पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी। सीयूईटी में शामिल होने वाले छात्र अंकों वाले कॉलम को छोड़कर सभी सूचनाएं ऑनलाइन अपलोड करेंगे। सीयूईटी न देने वाले छात्र विवि प्रवेश परीक्षा का कॉलम भरेंगे। पंजीकरण प्रक्रिया 15 दिन तक चलेगी। यदि इन 15 दिनों में सीयूईटी का रिजल्ट घोषित हो जाता है तो छात्र अपने अंक बढ़ा सकेंगे। उसके बाद उसी आधार पर काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसे में विवि प्रवेश परीक्षा देने वाले छात्रों को स्थान उपलब्ध होने पर ही मौका मिलेगा। यदि 15 दिन में रिजल्ट जारी नहीं होता है तो विवि सभी छात्रों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा। विवि के एकेडमिक डीन प्रो. ललित कुमार सिंह ने बताया कि सीयूईटी रिजल्ट के इंतजार में सत्र विलंबित नहीं किया जाएगा।
विदेशी छात्रों के प्रवेश पर मुहर- Admission of foreign students approved.
एचबीटीयू में अब विदेशी छात्र भी पढ़ेंगे। एकेडमिक काउंसिल (Academic Council) की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। विवि में स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई के लिए अब तक नौ विदेशी छात्रों ने आवेदन किया है। इसमें यूएसए से दो छात्रों ने परास्नातक, बांग्लादेश व नेपाल से सात छात्रों ने स्नातक व परास्नातक के लिए आवेदन किया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि विदेशी छात्रों के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे, लेकिन उनकी शैक्षिक योग्यता की पूरी जांच की जाएगी। बैठक में एनईपी के आधार पर बी.टेक और एम.टेक अध्यादेशों में संशोधन करने और नए पाठ्यक्रमों के लिए नए कोड तय करने को भी मंजूरी दी गई।