Shimla. शिमला। आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल के मरीजों को अब अपना आधुनिक उपचार के लिए बाहरी राज्यों का रूख नहीं करना पड़ेगा। कैंसर अस्पताल में 7.8 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक सीटी सिम्युलेटर मशीन स्थापित कर दी है। अब मुंह, खाने की नली, स्तन और बच्चेदानी के कैंसर का उपचार आसानी से हो सकेगा। रेडियोथैरेपी विभाग के अध्यक्ष डाक्टर मनीष गुप्ता ने इसकी पुष्टि की है। कैंसर अस्पताल में हाल ही में सीटी सिम्युलेटर मशीन लगाई है। मशीन की खासियत है कि इससे चिकित्सकों को कैंसर प्रभावित अंग की थ्रीडी इमेजिंग के जरिए रेडियोथैरेपी प्लान तैयार करने में आसानी होती है। चिकित्सक थैरेपी की डोज कम्प्यूटर से निर्धारित होगी। थ्रीडी की तस्वीरें देखकर केवल कैंसर की कोशिकाओं को टारगेट करके रेडियोथैरेपी दी जाएगी। इस वजह से नॉर्मल टिशु कम क्षतिग्रस्त होंगे। रेडियोथैरेपी की वजह से जो साइड इफेक्ट होते हैं, वह भी बहुत कम हो जाएंगे।
इस तरह की तकनीक के जरिए मिलने वाले उपचार के लिए जो मरीज चंडीगढ़ और दिल्ली जाते हैं, उन्हें भी घरद्वार पर लाभ मिलेगा। उपचार में जो खर्चा आता था, वह भी कम हो जाएगा। वर्षभर में औसतन 2000 हजार से अधिक मरीज उपचार के लिए अस्पताल आते हैं। ऐसे में प्रदेशभर से आने वाले मरीजों को इसका सीधा लाभ होगा। अस्पताल में नया ब्लॉक बनकर तैयार है। इसमें मरीजों के लिए सडक़ के साथ ही अलग से ओपीडी की सुविधा है। इसके अलावा पुरुषों और महिलाओं के लिए 20 बिस्तरों वाला वार्ड भी बनकर तैयार कर दिया है। इससे मरीजों को अब तक जो बिस्तर न मिलने की समस्या पेश आती थी, वह भी खत्म हो जाएगी। हालांकि सरकार से उद्घाटन की तिथि मिलने के बाद इसे शुरू किया जाएगा। सीटी सिम्युलेटर मशीन को शुरू करने से पहले रेडियोथैरेपी विभाग को ऑटोमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड मुंबई से मंजूरी चाहिए। प्रबंधन की ओर से इसके बारे में पत्राचार शुरू कर दिया है। प्रक्रिया लंबी है तो प्रबंधन का कहना है कि इसमें थोड़ा समय लगेगा, हालांकि इस मशीन का इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी के सभी दस्तावेज तैयार कर लिए हैं और बोर्ड को भेजे भी गए हैं। दस्तावेजों में कोई कमी न रहे और मरीजों को जल्द इस मशीन की सुविधा मिल सके इसके लिए रेगुलेटरी बोर्ड से सुझाव भी अस्पताल प्रशासन ने मांगे हैं।