CRPF DG कुलदीप सिंह ने कहा- छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ डटकर मुकाबला किया जवान, आपरेशन में कोई कमी नहीं थी

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ शनिवार को हुई मुठभेड़ पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह ने कहा है कि सुरक्षा बलों के आपरेशन में कोई कमी नहीं थी

Update: 2021-04-06 17:44 GMT

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ शनिवार को हुई मुठभेड़ पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह ने कहा है कि सुरक्षा बलों के आपरेशन में कोई कमी नहीं थी और हमारे जवानों ने कई नक्सलियों को मार गिराया।

महानिदेशक ने मंगलवार को कहा कि हमारे जवानों ने करीब 700-750 प्रशिक्षित नक्सलियों से डटकर मुकाबला किया, उनका घेरा तोड़ा, 28 से 30 नक्सलियों को मार गिराया और घायल जवानों की मदद की। उन्होंने कहा कि इस आपरेशन के संयोजन, खुफिया सूचनाओं और राहत कार्य में कोई कमी नहीं थी।
बीजापुर के गांव में बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद
हमें पता चला था कि बीजापुर के गांव में बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं और सुरक्षा बलों ने मिलकर आपरेशन चलाया। नक्सलियों ने 3 अप्रैल को वापस आते समय हमारे जवानों को घात लगाकर घेर लिया और देशी अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर (यूबीजीएल) और लाइट मशीन गन (एलएमजी) और अन्य आटोमैटिक हथियारों से भारी फायरिंग की। आपरेशन के समय कमांडेंट स्तर के अधिकारी वहां थे।
अगवा जवान की रिहाई के लिए नक्सलियों ने रखी शर्त
छत्तीसग़़ढ़ के बीजापुर जिले में तीन अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद अगवा किए गए जवान राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई के लिए मंगलवार को नक्सलियों ने शर्त रखी है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी की ओर से जारी दो पेज के पर्चे में जहां मुठभेड़ में चार नक्सलियों के मारे जाने की बात मानी गई है, वहीं कहा गया है कि सरकार पहले मध्यस्थ नियुक्त करे, तब जवान मनहास की रिहाई करेंगे।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 14 हथियार और दो हजार कारतूस नक्सलियों के पास
इससे पहले पुलिस ने दावा किया था कि मुठभेड़ में कम से कम 12 नक्सली मारे गए हैं। नक्सलियों ने जारी पर्चे में कहा है कि ओडी सन्नू, पदाम लखमा, कोवासी बुधरू और नूपा सुरेश मुठभेड़ में मारे गए हैं। इनसे से सन्नू का शव उनको नहीं मिला है। इसी पर्चे में यह भी दावा किया गया है कि फोर्स के 14 हथियार और दो हजार कारतूस उनके पास हैं। इसके प्रमाण के तौर पर हथियारों की तस्वीर भी जारी की गई है। पर्चे में यह भी कहा गया है कि वे बातचीत के विरोध में नहीं हैं, पर इसके लिए माहौल बनाना सरकार का काम है। जवान की रिहाई तब तक नहीं होगी, जब तक सरकार मध्यस्थ नहीं नियुक्त कर देती। तब तक वह हमारे पास सुरक्षित रहेगा।


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