खेतों में सूख रही फसल, किसानों ने निगम को दिया तीन दिन का अल्टीमेटम

Update: 2023-09-06 11:56 GMT
बूंदी। बूंदी हिण्डोली-नैनवां क्षेत्र के गांवों में अघोषित कटौती से उपभोक्ता सहित किसान परेशान है। भीषण गर्मी के कारण लोगों का हाल बेहाल है और रात की नींद हराम है। शिकायत के बाद भी अभियंता सुनवाई नहीं कर रहे है। इसको लेकर खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ट्वीट कर लिखा था कि हिण्डोली-नैनवां क्षेत्र में अघोषित बिजली कटौती एवं किसानों की समस्याओं को लेकर मंगलवार दोपहर साढ़े बारह बजे कलक्ट्रेट का घेराव करेंगे। चांदना ने घेराव में आम जनता को भी आमंत्रित किया था। ट्वीट के निगम अभियंताओं में हड़कम्प मंच गया। वहीं देर रात तक कलक्ट्रेट में जिला कलक्टर रविन्द्र गोस्वामी एवं खेल राज्यमंत्री की मौजूदगी में चली बैठक में विद्युत निगम के निदेशक केपी वर्मा ने शीघ्र आपूर्ति में सुधार का आश्वासन एवं ट्रांसफार्मर की आपूर्ति करने की बात कही। इस पर चांदना ने निगम को जिले में आपूर्ति में सुधार के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया और कलक्ट्रेट का घेराव स्थगित कर दिया। आपूर्ति में सुधार नहीं होने पर आठ सितम्बर को दोपहर साढ़े बारह बजे कलक्ट्रेट का घेराव करने की बात कही। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्र में मात्र 5 से 6 घंटे ही बिजली की आपूर्ति की जा रही है। वहीं व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है।जिले में कई दिनों से ऐसी कटौती हो रही है कि दिन में न सुकून मिल रहा और न ही रात में सही से नींद आ रही।
मानसून रुठा होने के कारण जिला पिछले कुछ दिनों से बढ़ती उमस भरी गर्मी से जूझ रहा है। इसी के साथ उपभोक्ताओं में बिजली की मांग भी बढ़ गई है। जिसे निगम पूरा करने में असमर्थ साबित हो रहा है। प्रदेश में विद्युत उत्पादन का सकंट पैदा होने पर विद्युत की अघोषित कटौती ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब साबित हो रही है। हालात ये बन गए हैं कि विद्युत कटौती की कोई समय सीमा नहीं है। लघु उद्योग धंधे एवं भीषण गर्मी से किसानों को फसलों को बचाना भी भारी पड़ रहा है, सिंचाई के लिए कुओं को मिलने वाली बिजली भी गायब हो गई है। जिले के ग्रामीण इलाकों में कम वोल्टेज से किसान परेशान है। नलकूपों पर कम वोल्टेज आने से किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी विद्युत निगम की तरफ से कोई ध्यान नही दिया जा रहा हैं। कम वोल्टेज की वजह से किसानों के नलकूपों की पानी की मोटर नही चलने से पानी फसलों को नही मिल रहा हैं। पानी के अभाव में फसले सूखने के साथ खराब हो रही हैं।
अघोषित विद्युत कटौती की विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर मार पड़ रही है, जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा है। विद्युत निगम न रात देख रहा है न ही दिन जब मर्जी आई विधुत कटौती कर देते हैं। ग्रामीणों ने अघोषित विद्युत कटौती से निजात दिलाने की मांग की है। वही महिलाओं कहना है कि होते ही वे खाना बनाने बैठती है,विद्युत निगम विद्युत को काट देता है। जिससे उन्हें गर्मी और अंधेरे दोनो की समस्याओं से रूबरू होना पड़ता हैं। जिले में बिजली कटौती से ग्रामीण परेशान है। अमूमन देखा गया है कि किसी जनप्रतिनिधि द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाता है तो विद्युत विभाग द्वारा सुधार किया जाता है।पिछली बार जिले में एक नेता द्वारा विद्युत विभाग कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया था, जिसके बाद अधिकारियों ने तुरंत ट्रांसफार्मर जारी कर दिया था।ऐसे में सवाल उठता है कि कही अधिकारी धरना प्रदर्शन होने के बाद ही क्यों हरकत में आते हैं।
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