कोरोना वैक्सीन को लेकर क्रिकेटर और IPS ट्विटर पर भिड़े...एक ने उड़ाया मजाक तो दूसरे ने दिया ऐसा जवाब

Update: 2020-12-03 16:52 GMT

दुनिया कोरोनावायरस महामारी से जूझ रही है. भारत में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे जीवन पटरी में लौट सकता है. कई कंपनियों ने वैक्सीन को बना लिया है, लेकिन कोई भी वैक्सीन 100 प्रतिशतक सही नहीं है. इस पर टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने सवाल किए हैं. भारत में तीन वैक्कीन का ट्रायल तीसरे चरण में है. हरभजन सिंह ने कोरोना वैक्सीन को लेकर एक ट्वीट किया, जिसके लिए उनको ट्रोल (Troll) किया जा रहा है.

हरभजन सिंह ने कैप्शन में लिखा, 'फाइजर और बायोटेक वैक्सीन की एक्युरेसी- 94 प्रतिशत, मोडेर्ना वैक्सीन- 94.5 प्रतिशत, ऑक्सफर्ड वैक्सीन- 90 प्रतिशत... भारतीयों का रिकवरी रेट(बिना वैक्सीन)- 93.6 प्रतिशत. क्या भारतीयों को वाकई वैक्सीन की जरूरत है?'

भज्जी ने यह ट्वीट किया, तो लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया. आईपीएस ऑफिसर ने भी उनको करारा जवाब दिया है. आईपीएस ऑफिसर रुपिन शर्मा ने लिखा, 'अगर भारतीय क्रिकेट टीम में सभी को मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड मिले तो, भारत सभी मैच जीत जाए. आकड़े सही किस तरह होते हैं यह बस उसी क्षेत्र से जुड़ा शख्स जना सकता है.'

आईपीएस के साथ-साथ कई लोगों ने भी उनको ट्रोल किया. लोगों ने ट्विटर पर ऐसे रिएक्शन्स दिए हैं...



बता दें कि देश में कोरोना की दूसरी लहर थमती नजर आ रही है. पिछले 24 घंटे में कोरोना के करीब 35 हजार नए मामले सामने आए हैं. कोरोना की थमती रफ्तार पर दिल्ली एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि हम कोरोना ग्राफ देख रहे हैं और अगर नियमों का पालन करते रहे तो यह गिरावट जारी रहेगी.

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि आने वाले तीन महीने काफी महत्वपूर्ण हैं. अगर हम सावधानी बरतना जारी रखते हैं तो कोरोना महामारी के खतरे को टाल सकते हैं. कोरोना वैक्सीन पर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में जो टीके बनाए जा रहे हैं, वह अंतिम चरण के ट्रायल में है.

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने उम्मीद जताई कि इस महीने के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत तक हमें कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी वैक्सीनाइजेशन की इजाजत मिल जाए. हमें वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर सख्त कदम उठाने की जरूरत है, जिससे जनता को वैक्सीन देना शुरू किया जा सके. डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहना है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर अच्छा डेटा उपलब्ध है कि टीके बहुत सुरक्षित हैं. वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता से कोई समझौता नहीं किया गया है. 70,000-80,000 स्वयंसेवकों ने टीका लगवाया, कोई महत्वपूर्ण गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया. डेटा से पता चलता है कि अल्पावधि में टीका सुरक्षित है.

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जब हम बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगाते हैं, तो उनमें से कुछ को कोई न कोई बीमारी हो सकती है, जो टीके से संबंधित नहीं हो सकती है.



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