आलू के बोरों के नीचे भरकर ले जा रहे था गाय, दो की दम घुटने से मौत
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बैतूल। जिले के रास्ते महाराष्ट्र में कत्लखानों तक गोवंशी की तस्करी बड़े पैमाने पर की जा रही है। पुलिस का मुखबिर तंत्र तस्करी को रोकने में कामयाब नहीं हो रहा है। हिंदू सेना और विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता ही सूचना मिलने के बाद गोवंशी से भरे वाहनों को पकड़ने का काम कर रहे हैं। शनिवार को भी बैतूल-आठनेर मार्ग पर कोलगांव के समीप ताप्ती घाट में गाेवंशी से भरे ट्रक को पकड़ा गया। तस्करों के द्वारा ट्रक में लकड़ी के सहारे दो हिस्से बनाकर उनमें रस्सी से बांधकर गोवंशी को रख दिया गया था। इसके बाद सबसे उपर आलू से भरे बोरे रख दिए ताकि देखने पर यह लगे कि ट्रक से आलू के बोरे का परिवहन किया जा रहा है। राष्ट्रीय हिंदू सेना के ज़िला उपाध्यक्ष रूपराव भट्टकरे ने बताया कि बैतूल की ओर से आ रहे संगठन के सदस्य विजय पारदे, एवं अर्पित पोटफोडे ने संगठन के प्रदेश संयोजक पवन मालवीय को सूचना दी थी।
ट्रक कंमाक एमपी09 एचएच 4995 में गोवंशी की तस्करी हो रही है। गोवंशी की तस्करी करने वालों से जब पूछताछ की गई तो वे भाग निकले।इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी को दी गई। आठनेर एवं बैतूल बाज़ार थाना पुलिस ने ताप्ती घाट पर पहुंचकर ट्रक में देखा तो उपर आलू की बोरिया बिछीं हुईं थी अौर नीचे गोवंशी रस्सी से बांधकर रखे गए थे। ट्रक में 52 गोवंशी भरे हुए थे जिसमें से दो की दम घुटने से मौत हो गई। इन गोवंश को विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गोशाला पहुंचाया और ट्रक को बैतूलबाजार पुलिस के हवाले कर दिया गया। प्रांत गौ गोरक्षा प्रमुख विभाग संयोजक नर्मदापुरम कृष्णकांत गावंडे ने बताया कि जिले में गोवंशी तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। तस्करी को रोकने के लिए पुलिस के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। लंबे समय से बैतूल जिले में कई हिंदू संगठन भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। हिंदू संगठनों द्वारा भी गोवंशी तस्करी करने वाले वाहनों को समय-समय पर पकड़ा जाता है इसके बावजूद तस्करी का सिलसिला रुक नहीं रहा है।