COVID-19: उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा- नियमों का उल्लंघन करने वालों पर निगरानी रखेंगे शिक्षक
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर ने कहा कि शहर में कोरोना के बढ़ते मामलों में त्योहारी सीजन के कारण बाजारों में भीड़ भी बढ़ गई है
निगम की ओर से बुधवार को जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि बाजारों और शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों में भीड़ को देखते हुए कोविड-19 दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए टीमें दोपहर 1 बजे से रात 11 बजे तक मैदान पर रहेंगी।
उत्तरी निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ने छापने की शर्त पर कहा, "इन टीमों में प्रति वार्ड छह प्राथमिक शिक्षक और उनके वार्ड के सभी सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता शामिल होंगे। उनके अलावा, लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर, स्वास्थ्य और मलेरिया विभागों के अधिकारी और प्रवर्तन विभाग भी इन सतर्कता टीमों का हिस्सा होंगे।"
अधिकारी ने कहा कि इस "दिवाली प्लान" की सतर्कता टीमें न केवल यह सुनिश्चित करेंगी कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग अपनाएं और मास्क पहनें, बल्कि उन्हें महामारी के बारे में जागरूक करेंगी और उल्लंघनकर्ताओं से जुर्माना वसूलेंगी, चाहे फिर वह दुकानदार हो या खरीददार। इसके साथ ही उन्हें काटे गए चालान और वसूली गई जुर्माना राशि की जानकारी सहित एक एक्शन टेकन रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जय प्रकाश ने कहा कि शहर में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और त्योहारी सीजन के कारण बाजारों में भीड़ भी बढ़ गई है। "यह एक अभूतपूर्व स्थिति है जहां हमें भीड़ नियंत्रण की आवश्यकता है और यह सुनिश्चित करना है कि कम से कम लोग वायरस के संपर्क में आएं, इसलिए प्रत्येक जोन में विशेष टीमों का गठन किया गया है। जय प्रकाश ने कहा कि, आमतौर पर कोविड-19 से संबंधित निगरानी स्वास्थ्य, मलेरिया और लाइसेंसिंग विभागों द्वारा की जाती है, लेकिन अब हमने शिक्षकों और इंजीनियरों को इस काम में शामिल किया है ताकि हम अधिकतम इलाकों और उल्लंघनकर्ताओं पर नजर रख सकें।
हालांकि, शिक्षकों ने निगम के इस निर्णय को गलत बताया है। उत्तर निगम के शिक्षा संघर्ष समिति के अध्यक्ष कुलदीप खत्री ने कहा कि हम इस निर्णय का समर्थन नहीं करते हैं क्योंकि शिक्षक पहले से ही ऑनलाइन कक्षाओं में लगे हुए हैं और बिना वेतन के काम कर रहे हैं। महामारी के दौरान भीड़ भरे बाजारों में उन्हें भेजना उचित नहीं है।