नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को शराब घोटाले में ईडी ने बुधवार को गिरफ्तार किया था. रातभर उन्हें ईडी के हेडक्वार्टर में रखने के बाद दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया है. इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है.कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी से पूछा कि जब संजय सिंह के खिलाफ आपके पास पुख्ता सबूत थे, तो फिर गिरफ्तारी में इतना वक़्त क्यों लगाया? साथ ही पूछा कि पैसों के जिस लेनदेन की बात आप (ED) कर रहे हैं, तो मामला तो काफी पुराना है, फिर गिरफ्तारी में इतनी देरी क्यों? वहीं जब ईडी ने संजय सिंह की 10 दिन की कस्टडी मांगी तो कोर्ट ने ईडी से पूछा कि संजय सिंह का फोन आपके पास जब्त है, तो कस्टडी क्यों चाहिए?
कोर्ट में ईडी ने कहा कि इस मामले में बयान अभी दर्ज हुए हैं. दिनेश अरोड़ा के कर्मचारी ने बताया कि उसने 2 करोड़ रुपए संजय सिंह के घर दिए थे. इसके अलावा 1 करोड़ इंडो स्प्रिट के ऑफिस से लेकर भी संजय सिंह के घर दिए थे. कल (4 अक्टूबर 2023) जो सर्च हुई, उसमें डिजिटल एविडेंस मिला है. उसको लेकर कन्फ्रंट करना है. साथ ही ईडी ने कहा कि संजय सिंह का फोन हमने जब्त कर लिया है. इसमें कुछ कॉन्टैक्ट नंबर मिले हैं. हमें कुछ कन्फ्रंट कराना है.
इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि फोन तो आपने ले ही लिया है. सीडीआर निकाल ही लेंगे, तो उसमें क्या कन्फ्रंट (आमना-सामना) करेंगे. ED ने कहा कि तीन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है. ईडी ने कहा कि हमने 10 दिन की कस्टडी मांगी है, लेकिन बाद में कहा कि 7 दिन भी देंगे तो मंजूर है. ED ने कोर्ट को बताया कि दिनेश अरोड़ा ने कहा कि सजंय सिंह प्रभावशाली व्यक्ति हैं. इसलिए पहले उनका नाम नहीं लिया था. विजय नायर ने उसको धमकी भी दी थी. अभी दो और ऐसे लोग हैं, जिनका नाम उसने नहीं लिया है.
संजय सिंह की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मोहित माथुर ने कहा कि कुछ ऐसे मुकदमों में हैं, जिनमें जांच कभी पूरी नहीं होती. जांच का ये सिलसिला कभी नहीं रुकने वाला है. अब इस मामले में ED का स्टार गवाह दिनेश अरोड़ा है. वो ED और CBI दोनों मामलों में आरोपी था. दोनों ही मामलों में सरकारी गवाह बन गया है. उसकी विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है.
मोहित माथुर ने दलील दी कि दिनेश अरोड़ा की क्रेडिबिलिटी पूरी तरह से संदिग्ध है. जांच एजेंसी जिसको पकड़ना चाहती है, उसको दिनेश अरोड़ा के बयान पर ही पकड़ लेती है. एक बार भी जांच एजेंसी ने समन नहीं किया. दिनेश अरोड़ा बार-बार अपना बयान भी बदल रहा है. एक अगस्त को जब इसी अदालत ने दिनेश अरोड़ा को ज़मानत दी तो उसके बाद से ही उसका टोन और अंदाज बदल गया. एडवोकेट माथुर ने कहा कि दिनेश अरोड़ा जब चाहे तब बयान देने लगते हैं.उन्होंने कोर्ट से कहा कि मैं आपसे विनती करता हूं कि आप दिनेश अरोड़ा के बदलते रुख पर गौर करें. उन्होंने एक बयान दिया, जो ईडी को पसंद नहीं आया. उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया. फिर उन्हें जमानत दे दी गई और उनके बयान दर्ज किए गए. माथुर ने कोर्ट से कहा कि वह बयान देखिए जो 14 अगस्त को दर्ज किया गया था.