जब हाईकोर्ट ने कहा- अदालत अमीरों के लिए नहीं है...
देश की कानूनी-व्यवस्था ख़राब हो रही है और अदालत ऐसी स्थिति को देखते हुए चुपचाप नहीं बैठ सकती।
चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आनंद वेंकटेश ने बुधवार को तमिलनाडु की विशेष अदालतों पर निशाना साधते हुए कहा कि अदालत अमीरों के लिए नहीं है। वह विशेष अदालतों द्वारा द्रमुक सरकार के मंत्रियों थंगम थेनारासु और के.के.एस.एस.आर. रामचंद्रन को रिहा करने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। न्यायमूर्ति वेंकटेश ने कहा कि देश की कानूनी-व्यवस्था ख़राब हो रही है और अदालत ऐसी स्थिति को देखते हुए चुपचाप नहीं बैठ सकती।
मद्रास उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के अलग-अलग मामलों में द्रमुक मंत्रियों थेनारासु और रामचंद्रन को बरी करने के आदेशों में स्वत: संशोधन किया था। जुलाई 2023 में प्रधान सत्र न्यायालय, श्रीविलीपुथुर ने रामचंद्रन और उनकी पत्नी और अन्य करीबी सहयोगियों को उनके और परिवार के खिलाफ 2011 में दायर एक मामले में बरी कर दिया था।
इसी अदालत ने दिसंबर 2022 में तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगन थेनारासु और उनकी पत्नी को 2012 के आय से अधिक संपत्ति मामले में बरी कर दिया था। न्यायमूर्ति आनंद वेंकटेश ने कहा कि मामले की सुनवाई अब 20 सितंबर 2023 को होगी और अदालत ने दोनों मंत्रियों को नोटिस दिया। मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने पहले तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुडी को बरी किए जाने को "न्यायिक व्यक्तियों के आशीर्वाद से मंत्री के सितारे सही स्थान पर होने" के रूप में वर्णित किया था।