नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन: विश्व हिंदू परिषद अध्यक्ष सरबजीत सिंह मोखा समेत 4 गिरफ्तार

Update: 2021-05-11 06:01 GMT

जनता से रिश्ता की खबर का बड़ा असर. इसमें पुलिस रायपुर कनेक्शन की जांच कर रही है कुछ व्यापारी नेता जो जबलपुर में कारोबार और रिश्तेदारी रखते है उनको संदेह के दायरे में रखा गया है.छत्तीसगढ़ के व्यापारी नेता के ऊपर शक की सुई जा रही है और मामले की जांच के बाद सच्चाई की परते खुलेंगी. एक पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा है की छत्तीसगढ़ के प्रमुख व्यापारी नेतागण और स्टॉकिस्ट की सीधे दौर पर संलिप्तता नजर आ रही. पुलिस अगर सच्चाई और ईमानदारी से जाँच करेगी तो मामले में बड़ा खुनी और सनसनीखेज खुलासा होगा.

देश भर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से कोहराम मचा हुआ है। हर रोज लाखों लोग कोरोना महामारी की चपेट में आ रहे हैं और हजारों की जान जा रही है, लेकिन कइयों के लिए यह संकट 'अवसर' बन गया है।

जबलपुर के विश्व हिंदू परिषद के चीफ और जबलपुर अस्पताल के मालिक सरबजीत सिंह मोखा पर COVID-19 के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा, नकली रेमडेसिविर बेचने का आरोप है। इस आरोप में उनके साथ खरीद और प्रशासन के लिए गिरफ्तार किए गए चार लोगों में शामिल हैं। आरोपी, सरबजीत सिंह मोखा, नर्मदा मंडल का विश्व हिंदू परिषद (VHP) अध्यक्ष भी है। इस मामले में सरबजीत समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
जबलपुर के सिटी हॉस्पिटल के निदेशक मोखा पर इंदौर से 500 रेमेडिसविर इंजेक्शन मंगाए है, जिसे अस्पताल ने कई COVID-19 रोगियों को दिया गया। उसके खिलाफ अब भारतीय दंड संहिता की धारा 274, 275, 308 और 420 के तहत दर्ज मामला किया गया है।


मामले में अन्य आरोपी देवेंद्र चौरसिया मोखा और दूसरा, सपन जैन शामिल हैं, ये दोनों मोखा के साथ ही काम करते थे। ये दवा कंपनियों के साथ डीलरशिप संभालते थे। यह घटना तब सामने आई जब गुजरात पुलिस की एक टीम ने एक नकली रेमेडीसविर बनाने वाली कंपनी का भांडा फोड किया और जैन को 7 मई को जबलपुर से गिरफ्तार किया।
एफआईआर के अनुसार, भगवती फार्मा के निदेशक सपन जैन को गुजरात पुलिस ने 7 मई को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। भगवती फार्मा और सत्यम मेडिकोस - दोनों की स्टोरेज इकाइयों को नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन के भंडारण के संदेह पर सील कर दिया गया था।
वीएचपी प्रांतीय मंत्री, राजेश तिवारी ने कहा है कि मोखा के आरोप सामने आ गए हैं और पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
पुलिस ने बताया कि छिंदवाड़ा में भी, हमने 3-4 लोगों को पकड़ा है। जबलपुर में कुछ लोग ऑक्सीजन सिलेंडर भी बेचते हुए पकड़े गए, प्रत्येक सिलेंडर के लिए 20 हजार रुपये लिए जा रहे थे।
भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा दिया है। स्वास्थ्य व्यवस्था अपनी क्षमता से ज्यादा काम कर रही है और इसी बीच कुछ ऐसी भी लोग हैं जो आपदा में लोगों की मजबूरियों को फायदा उठाकर अपनी जेबें गर्म कर रहे हैं। इस आपदा में बहुत से ऐसे अस्पताल हैं जो मेडिकल उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं, इनमें रेमेडीसविर और ऑक्सीजन शामिल हैं।
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