Corona Vaccination: 12-18 साल उम्र के लिए जाइडस कैडिला की वैक्सीन को जल्द मिलेगी मंजूरी, क्लिनिकल ट्रायल हुआ पूरा
देश में बच्चों के लिए भी कोरोना की वैक्सीन जल्द आने वाली है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में बताया कि जायडस कैडिला की वैक्सीन का 12-18 साल से उम्र के बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है और यह जल्द ही उपलब्ध हो सकती है.स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अवर सचिव सत्येंद्र सिंह ने 15 जुलाई के एक हलफनामे में कहा, ‘यह जानकारी दी गई है कि डीएनए वैक्सीन विकसित करने वाली जायडस कैडिला ने 12-18 आयु के लिए अपना क्लिनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है.’
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में बच्चों के लिए भी कोरोना की वैक्सीन जल्द आने वाली है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में बताया कि जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की वैक्सीन का 12-18 साल से उम्र के बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trial) पूरा हो चुका है और यह जल्द ही उपलब्ध हो सकती है.स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अवर सचिव सत्येंद्र सिंह ने 15 जुलाई के एक हलफनामे में कहा, 'यह जानकारी दी गई है कि डीएनए वैक्सीन विकसित करने वाली जायडस कैडिला ने 12-18 आयु के लिए अपना क्लिनिकल ट्रायल (clinical trial) सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है.'
सत्येंद्र सिंह ने बताया कि अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला का डीएनए वैक्सीन अब "वैधानिक अनुमति हासिल करने के करीब है, यह भविष्य में 12-18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए उपलब्ध हो सकती है.दूसरी वैक्सीन के ट्रायल भी तकरीबन पूरे होने वाले हैं. सरकार ने बताया कि जब एक्सपर्ट से वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी तब बच्चों के वैक्सीनेशन का रोडमैप तैयार कर लिया जाएगा.
नाबालिग की ओर से हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका
दरअसल, टिया गुप्ता नाम की एक नाबालिग की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है कि जिसमें 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के तत्काल टीकाकरण के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. इसके लिए दलील दी गई है कि कोविड-19 की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है. इसी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट को यह जानकारी दी.
दूसरी ओर, जायडस कैडिला ने 1 जुलाई को कहा था कि वे 45 से 60 दिनों के भीतर ZyCoV-D वैक्सीन को रोल आउट करने की योजना बना रहे हैं, जो कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की मंजूरी के अधीन है.वैक्सीन निर्माताओं ने यह भी कहा था कि शुरुआत में, यह एक महीने में चार से पांच लाख डोज का उत्पादन कर सकता है, जो जुलाई के अंत से उनकी नई विनिर्माण सुविधा के शुरू होने के बाद मासिक रूप से यह क्षमता बढ़कर एक करोड़ तक पहुंच जाएगा.
इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट में अपने नए हलफनामे में, केंद्र ने यह भी बताया कि डीसीजीआई ने भारत बॉयोटेक को अपने वैक्सीन, यानी कोवैक्सीन के लिए 2 से 18 साल की आयु के स्वस्थ स्वयंसेवकों (healthy volunteers) पर क्लिनिकल टेस्टिंग करने की अनुमति दी है. कोवैक्सीन ट्रायल (Covaxin trials) के लिए 12 मई को मंजूरी दी गई है.