कोरोना संकट: विधायक ने कलेक्टर को मदद के लिए 22 बार किया कॉल, नहीं दिया कुछ जवाब, फिर जो हुआ....
फोन करने का शौक नहीं....
भोपाल. कोरोना की इस विकट स्थिति में अब नौकरशाह भी जमकर अपनी मनमानी रहे हैं. एक वरिष्ठ विधायक ने ग्वालियर कलेक्टर को दो लोगों की मदद के लिए 22 बार फोन किया, लेकिन कलेक्टर ने नहीं उनका फोन उठाया और ना ही उन्हें रिटर्न कॉल किया. इसके बाद विधायक की मदद एक मंत्री ने की. कलेक्टर के इस व्यवहार से नाराज होकर विधायक ने चिट्ठी लिखी है और शिवराज सिंह चौहान से अपील भी की है कि इस संकट की स्थिति में कलेक्टर और दूसरे नौकरशाहों को इस तरीके का व्यवहार नहीं रखना चाहिए. उन्हें जनप्रतिनिधि और जनता से सीधा संवाद करना.
मध्य प्रदेश के सबसे वरिष्ठ विधायक डॉ गोविंद सिंह ने ग्वालियर कलेक्टर को 22 बार फोन लगाया, उन्होंने नहीं उठाया. ग्वालियर के कोरोना प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह को एक फोन किया तो पलट कर फोन आ गया और उन्होंने मदद भी की.
मंत्री ने की विधायक की मदद
डॉक्टर गोविंद सिंह ने ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने पत्र में लिखा कि आपको यह पत्र दुखी मन से वर्तमान में कोविड की महामारी की वजह से लिख रहा हूं. ग्वालियर जिले के दंडाधिकारी होने के नाते आपकी जिम्मेदारी है कि संकट के समय में जनता के जीवन की रक्षा के लिए तत्काल आवश्यक मदद करें. मैंने कल 23 अप्रैल को सुबह 11:00 बजे से रात 9:00 बजे तक आप को करीब 22 बार फोन नंबर 87179 99836 और 89898 67665 पर के साथ आपके कार्यालय के फोन नंबर 0751-244 6200 पर फोन किया. आपसे इस महामारी के संकट में दो सामाजिक कार्यकर्ता के जीवन रक्षा हेतु मदद की आवश्यकता थी.
फोन करने का शौक नहीं
परंतु प्रजातांत्रिक मूल्य में निर्वाचित प्रतिनिधि के साथ आप के इस व्यवहार से मुझे वेदना हुई. मुझे आपको फोन करने का कोई शौक नहीं है. मजबूरी में दो कार्यकर्ताओं के जीवन रक्षक के मदद की आवश्यकता थी. ईश्वर की कृपा से आपको यह प्रतिष्ठा का पद मिला है. मेरा अनुरोध है कि इस प्रतिष्ठा का सम्मान कल्याण की भलाई करें. इससे आपका सम्मान ही बढ़ेगा. शुक्रगुजार हूं, ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर जिन्होंने एक बार ही फोन करने पर तत्काल वापस फोन किया. उन्होंने तत्काल कोविड मरीज की मदद की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील करता हूं कि प्रदेश में जिम्मेदारी के पद पर बैठे नौकरशाहों को सावधान करें कि कम से कम संकट के समय आम जनता और जनप्रतिनिधियों से संवाद बना लिया करें.