उत्तराखंड। उत्तराखंड राज्य के गठन से पहले से ही उत्तर प्रदेश के समय से चली आ रही हर माह क्षेत्रीय विधायकों और जिले के एसपी-एसएसपी के बीच समन्वय बैठक की प्रथा पर एक बार फिर जोर दिया जा रहा है। जिसके लिए प्रदेशभर के जिलों के एसएसपी को पुलिस मुख्यालय से लिखित निर्देश जारी किए गए हैं ताकि सभी जनपदों में विधायक और मंत्रिगणों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा माह के एक बार संयुक्त बैठक कर पुलिस से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण किया जा सके। आपको बता दें कि कुछ सालों से विधायक और पुलिस के बीच बैठक करने वाली परंपरा को कुछ जिलों के एसएसपी द्वारा दरकिनार किया गया है जिससे संबंधित जिले के विधायकों को मिलने वाली शिकायतों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। विधायक अपने क्षेत्र की समस्या को एसएसपी के समक्ष नहीं रख पा रहे हैं। लेकिन अब पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों के एसपी-एसएसपी को निर्देशित किया है कि वह महीने में एक दिन विधायकों के साथ समन्वय बनाकर बैठक करें ताकि पुलिस से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण संयुक्त बैठक में हो सके।
दरअसल, उधमसिंह नगर और हरिद्वार एसएसपी के भ्रष्टाचार को लेकर सदन में उठे सवाल के बाद और शासन-प्रशासन ने इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कैसे इस तरह के मामलों पर अंकुश लगाया जा सके। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के कुछ जिलों में विधायकों की शिकायत रही है कि एसएसपी उनकी शिकायतों को नजरंदाज कर रहे हैं और उनके फोन तक नहीं उठा रहे हैं। इस मामले में हरिद्वार व उधमसिंहनगर जिले की सर्वाधिक शिकायतें हैं। ऐसे में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सभी जिला पुलिस प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वह विधायकों के साथ समन्वय बैठक कर उनकी शिकायतें सुनें और उसका निस्तारण अपने स्तर से करें।
राज्य में अपराधी कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे एडीजी डॉ. वी. मुरुगेशन ने बताया कि विधायकों से जुड़ी जन समस्याएं प्राथमिकता के आधार पर हल होनी चाहिए। ऐसे में राज्य के सभी जिला पुलिस प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि वह पूर्व की भांति माननीयों के साथ हर माह समन्वय बनाकर बैठक दोबारा शुरू करेंगे।