Shimla. शिमला। सूरज की लॉकअप में हत्या के मामले में आठ दोषियों को उम्रकैद की सजा के बाद आईजी जहूर हैदर जैदी आठ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की नौकरी जाना तय है। सीबीआई कोर्ट से सजा होने के बाद सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के निलंबन के बाद नियमों के मुताबिक प्रदेश सरकार उन्हें बर्खास्त करेगी। प्रदेश सरकार इस मामले में ऑपरेशन ऑफ जजमेंट लागू करेगी। प्रदेश सरकार यह जल्द तय करेगी। दूसरी तरफ सीबीआई कोर्ट से सजा सुनाने के बाद पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हाई कोर्ट में सीबीआई कोर्ट के फैसले को चुनौती दे सकते हैं। कोर्ट द्वारा पहले दोषी ठहराए जाने और अब सजा सुनाए जाने के बाद राज्य सरकार सर्विस रूल्स के प्रावधान के अनुसार इन अधिकारियों को सस्पेंड करेगी। इसके बाद डिस्मिसल की प्रक्रिया अलग से शुरू होगी। गौर हो कि बीते 18 जनवरी को सीबीआई कोर्ट ने गवाहों के बयान व सबूतों के आधार पर दोषी करार देने के बाद पुलिस ने आईजी जहूर जैदी के अलावा तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी, पुलिस सब इंस्पेक्टर राजिंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, मानक मुख्य आरक्षी मोहन लाल और सूरत सिंह, मुख्य आरक्षी रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रनीत सतेता को गिरफ्तार कर लिया था।
सोमवार को 2017 में शिमला जिले के कोटखाई में हुए गुडिय़ा दुष्कर्म और हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या के मामले में आठ दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई है। सीबीआई कोर्ट ने दोषियों की आखिरी अपील सुनने के बाद मामले में दोषी आईजी जहूर हैदर जैदी और डीएसपी मनोज जोशी समेत आठ पुलिस जवानों को तीन अलग-अलग धाराओं के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं, सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। सीबीआई की अदालत में सजा सुनाने के बाद पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की नौकरी जाना भी लगभग तय है। कोर्ट से सजा होने के बाद दोषी पाए गए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर कंडक्ट रूल्स के तहत कार्रवाई होगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से ऐसे अधिकारियों को शो कॉज नोटिस भी जारी किया जाता है। इसके बाद पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी।