रांची (आईएएनएस)| झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा कई स्कूलों के नाम बदलने को लेकर विवाद छिड़ गया है। राज्य में कुछ दिन पहले शुरू की गई सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस योजना के तहत चयनित 80 स्कूलों के नाम मुख्यमंत्री द्वारा जारी ताजा आदेश के अनुसार बदल दिए गए हैं।
लोहरदगा में नादिया हिंदू हाई स्कूल और चास में राम रुद्र हाई स्कूल दो ऐसे शैक्षणिक संस्थान हैं, जिन्होंने राज्य सरकार द्वारा अपने नाम बदलने का विरोध किया है। राज्य शिक्षा विभाग के एक आदेश के बाद नदिया हिंदू हाई स्कूल से 'हिंदू' शब्द हटा दिया गया है। स्कूल का नाम बदलकर जिला सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस लोहरदगा कर दिया गया है। इसी तरह चास के राम रुद्र हाई स्कूल से 'राम रुद्र' शब्द हटा दिया गया है, और धनबाद के एसएसएलएनटी गराजकीय कन्या विद्यालय से 'एसएसएलएनटी' (श्री श्री लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट) शब्द हटा दिया गया है।
लोहरदगा के नादिया हिंदू हाई स्कूल की स्थापना 1931 में भारत के आजादी से पहले जमीन के मालिक घनश्याम दास बिड़ला ने की थी, जिन्होंने इस स्कूल को बनाने के लिए अपनी जमीन दान की थी, जिसे बाद में बिहार सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया था। उस वक्त भी बिड़ला ने शर्त रखी थी कि वह जमीन राज्य सरकार को देंगे, लेकिन स्कूल का नाम नदिया हिंदू हाई स्कूल ही रहेगा। झारखंड सरकार के इस फैसले का पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोहरदगा से सांसद सुदर्शन भगत ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला 'गलत' है और 'तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा' है।
शिक्षाविद् मदन मोहन पांडेय ने बताया कि बिरला ने जमीन दान करते समय यह शर्त रखी थी कि स्कूल का नाम हमेशा नदिया हिंदू हाई स्कूल ही रहेगा। इस स्कूल भवन के निर्माण में राय साहेब बलदेव साहू, श्रीकृष्ण साहू और मनु बाबू सहित कई लोगों ने आर्थिक मदद की थी।
पांडेय ने कहा, राज्य सरकार की ओर से स्कूल से 'हिंदू' शब्द हटाना गलत है। झारखंड सरकार द्वारा बदले गए अन्य स्कूलों में गढ़वा स्थित आरके गर्ल्स स्कूल, झुमरी तिलैया स्थित सीडी गर्ल्स स्कूल, रामगढ़ कैंट का एसएस गर्ल्स हाई स्कूल और हजारीबाग का जिला स्कूल शामिल हैं।