राज्यपाल के खिलाफ दिया विवादित बयान, बीजेपी ने की डीएमके नेता पर कार्रवाई की मांग

Update: 2023-01-14 00:49 GMT

तमिलनाडु। तमिलनाडु में राज्यपाल को लेकर विवादित बयान पर बवाल खड़ा हो गया है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने सीधे मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर हमला बोला है और कहा कि डीएमके नेता सीएम के इशारे पर ही इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने कहा कि मुझे तो आशंका है कि डीएमके की तरफ से राज्यपाल की हत्या की चाल चली गई है. उन्होंने पुलिस से आरोपी नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

बता दें कि डीएमके नेता शिवाजी कृष्णमूर्ति ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ विवादित बयान दिया है. कृष्णमूर्ति ने गुरुवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- अगर राज्यपाल अपने विधानसभा भाषण में अंबेडकर का नाम लेने से इनकार करते हैं तो क्या मुझे उन पर हमला करने का अधिकार नहीं है? कृष्णमूर्ति ने कहा- यदि आप (राज्यपाल) तमिलनाडु सरकार द्वारा दिए गए अभिभाषण को नहीं पढ़ते हैं तो कश्मीर चले जाएं और हम आतंकवादी भेजेंगे ताकि वे आपको मार गिरा सकें.

शिवाजी कृष्णमूर्ति के बयान पर राज्य में माहौल गरमा गया है. बीजेपी नेता नारायणन तिरुपति ने कहा- पुलिस को जांच करनी होगी कि डीएमके का आतंकवादी लिंक क्या है, क्योंकि उन्होंने अपने भाषण में कहा है कि हम राज्यपाल को कश्मीर भेजेंगे और हम आतंकवादी को कश्मीर भेजेंगे. हमारा मतलब कौन? ना केवल शिवाजी कृष्णमूर्ति ने इतनी गंदी भाषा में बात की, मुझे लगता है कि ये चीजें सीएम एमके स्टालिन की शह पर की जा रही हैं. डीएमके प्रमुख की शह पर ही वे बोल रहे हैं. मिस्टर आरएस भारती भी बोलने में तीसरे नंबर पर हैं. बीजेपी ने कहा कि हमें बहुत ज्यादा संदेह है कि डीएमके ने राज्यपाल की हत्या करने की एक चाल चली है. तभी तो ऐसा व्यवहार कर रहे हैं. हम कुछ नहीं कह रहे हैं. अगर तमिलनाडु पुलिस के पास वजूद है तो उन्हें इन दोनों शिवाजी कृष्णमूर्ति और आरएस भारती को गुंडा अधिनियम के तहत गिरफ्तार करना चाहिए और एक साल की जेल होनी चाहिए.

उन्होंने पूछा- कल अगर कोई स्टालिन को उनके नाम से पुकारे तो क्या मिस्टर भारती चुप बैठेंगे? वे राज्यपाल (रवि) को सिर्फ उनके नाम से कैसे बुला सकते हैं? यहां बहुत सारे मुद्दे सामने आ रहे हैं. अभी तक पुदुक्कोट्टई दलित पेयजल मुद्दे पर अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. आप भाषा की राजनीति, जाति की राजनीति लाते हैं, यह सब डीएमके की नौटंकी और चाल है.


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