भोपाल: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस भले ही उम्मीदवारों के नाम पर मंथन कर रही है, मगर सूची जारी होने की प्रक्रिया पर फिलहाल ब्रेक लग गया है और इसकी वजह कथित तौर पर प्रस्तावित सूची में कुछ विवादित नाम होना बताया जा रहा है। साथ ही नेताओं को जन आक्रोश यात्रा में आक्रोश दिखने की आशंका सता रही है।
राज्य में उम्मीदवार चयन के लिए पार्टी ने स्क्रीनिंग कमेटी बनाई है और इसका प्रमुख राजस्थान से नाता रखने वाले भंवर जितेंद्र सिंह को बनाया गया है। उसके अलावा दो सदस्य पार्टी हाई कमान ने नियुक्त किया, उसके बाद तीन और राज्य के सदस्य अरुण यादव, अजय सिंह व सुरेश पचौरी को इसमें शामिल किया गया। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कमल नाथ, दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, कमलेश्वर पटेल इस समिति के हिस्से हैं।
पार्टी सूत्रों की मानें तो उम्मीदवार चयन के लिए कई सर्वे कराए जाने के दावे किए जा रहे हैं और इसी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर उम्मीदवारी तय करने की बात हो रही है। पहले भोपाल में और फिर दिल्ली में लगातार दो दिन स्क्रीनिंग समिति की बैठक हुई। इस बैठक में भी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर उम्मीदवारी तय करने की बात हुई तो कई नेताओं ने उस पर सवाल उठाए। साथ ही यह भी जानना चाहा कि आखिर इस सर्वे रिपोर्ट में किन लोगों के नाम सामने आए हैं। मगर खुलासा न किए जाने पर कई सदस्य भड़क भी गए।
सूत्रों का दावा है कि जो सूची तैयार की गई है उसमें कथित तौर पर कई ऐसे नाम हैं जिनकी न तो जमीनी स्थिति अच्छी है और न ही उनके साथ पार्टी के कार्यकर्ता खड़े होने को तैयार हैं। मालवा इलाके से तो एक ऐसे व्यक्ति का नाम आ रहा है जो एक समाज से जुड़ा हुआ है, जिसकी संख्या उस विधानसभा क्षेत्र में बहुत कम है और उसके पिता मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल रहे हैं और उन्हें फरार घोषित किया गया है। इनता ही नहीं सर्वे में संबंधित जाति के जो आंकड़े जुटाए गए हैं वह भी गलत हैं। इतना ही नहीं एक अन्य इसी इलाके के व्यक्ति को कथित तौर पर कुछ ले देकर उम्मीदवार बनाया जा रहा है। एक सटोरिए का नाम भी कांग्रेस के गलियारों में तैर रहा है।
बुंदेलखंड से एक गेरुआ धारी का नाम आ रहा है, जिसके पक्ष में स्थानीय कांग्रेसी नहीं हैं। सूत्रों का दावा है कि जिन नाम की चर्चा आ रही है उनमें बड़ी संख्या में ऐसे नाम हैं जिनकी जीत का दावा पार्टी की ओर से कोई भी राज्य का नेता करने को तैयार नहीं है। धर्म प्रचार से जुड़े लोगों, किसी खास समाज के व्यक्ति को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है। संबंधित को उम्मीदवार बनाने का आधार क्या सिर्फ सर्वे है, इस पर भी कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए।
दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की दो दिन बैठक चली, मगर नाम को लेकर उभरे विवाद ने फिलहाल सूची जारी करने की प्रक्रिया को रोक दिया है। इतना ही नहीं यह सूची जल्दी होने जारी होने के अब आसार भी नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष डा गोविंद सिंह ने सूची जल्दी जारी होने की संभावना से इनकार किया है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि आगामी दिनों में राज्य में जन आक्रोश यात्रा निकाली जाने वाली है और अगर उससे पहले उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी जाती है तो विवाद खड़ा होगा।
इतना ही नहीं जन आक्रोश यात्रा को भी कांग्रेसियों के आक्रोश का सामना करना होगा, लिहाजा पार्टी ने तय किया है कि जल्दी सूची जारी नहीं की जाए।