IAS सोनल गोयल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर अपनी मेन्स एग्जाम की मार्कशीट शेयर की है. उन्होंने काफी संघर्ष के बाद यह सफलता हासिल की थी, जिसे वे आज भी नहीं भूल पाई हैं. यूजर्स सोनल गोयल की यूपीएससी जर्नी को लेकर किए गए ट्वीट को खूब पसंद कर रहे हैं.
दरअसल, संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) देश की सबसे कठिनतम और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है. लाखों उम्मीदवार सिविल सर्विसेज में जाने के लिए यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही अपने लक्ष्य तक पहुंच पाते हैं. उन्हीं में से एक हैं सोनल गोयल, जिनकी आईएएस बनने की जर्नी युवा कैंडिडेट्स को मोटिवेट कर रही है.
IAS ऑफिसर का नाम सोनल गोयल (IAS Sonal Goel) है. 2008 में UPSC में ऑल इंडिया में 13वीं रैंक हासिल करने के बाद वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुई थीं. उनकी पहली पोस्टिंग त्रिपुरा में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई थी. अभी वे त्रिपुरा भवन, दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर की पोस्ट पर हैं. IAS सोनल गोयल ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर अपनी यूपीएससी सिविल सर्विसेज मेन्स एग्जाम 2007 की मार्कशीट शेयर की है. उन्होंने यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को मोटिवेट करने के लिए मार्कशीट शेयर करते हुए अपनी सफलता और असफलता के बारे में बताया. उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया कि वे साल 2007 में अपने पहले अटेंप्ट में असफल रही थीं, लेकिन अगले साल 2008 में यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया था.
आईएएस सोनल ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'जब मैंने अपनी UPSC सिविल सेवा 2007 मेन्स मार्कशीट देखी तो पुरानी यादें ताजा हो गईं, जिसने मुझे उन ट्रायल्स और जीत की याद दिला दी जिनके कारण मई 2008 के नतीजों में अंतिम चयन हुआ. मैं उम्मीदवारों के साथ केवल यह शेयर करना चाहती हूं कि अपने पहले प्रयास में मैं मेन्स एग्जाम में जनरल स्टडीज के पेपर में कम मार्क्स की वजह से इंटरव्यू से चूक गई थी. हालांकि, इस झटके ने मेरे यूपीएससी के लक्ष्य को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ने के मेरे दृढ़ संकल्प को बढ़ावा दिया था.' उन्होंने दोगुनी मेहनत की.
उन्होंने आगे बताया, 'इसके बाद मैंने खुद को पूरी तरह से सामान्य अध्ययन के पेपर में महारत हासिल करने, नोट्स बनाने, बार-बार दोहराने और उत्तर लिखने पर जोर देते हुए मेन्स के अन्य पहलुओं में सुधार करने के लिए समर्पित कर दिया. मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी करने और सीएस (कंपनी सचिव) के रूप में नौकरी करने के साथ-साथ यूपीएससी सिलेबस के हर पहलू पर अपना दिल और आत्मा लगा दी.