सहमति से संबंध बनाना रेप नहीं, हाईकोर्ट ने पुलिस को जारी किया नोटिस

पढ़े पूरी खबर

Update: 2024-12-18 01:51 GMT

कर्नाटक। कर्नाटक हाई कोर्ट ने डेटिंग एप्लिकेशन के जरिए मिली महिला से बलात्कार के आरोपी के खिलाफ मुकदमे को रोक दिया। साथ ही, अदालत ने डेटिंग एप्लिकेशन के खतरों पर चिंता जताई। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की बेंच ने मामले के अहम पहलुओं की ओर इशारा किया और कहा कि आरोपी व शिकायतकर्ता ने बंबल ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराया था। ऐप पर चैट करने के बाद दोनों 11 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए सहमत हुए। उन्होंने OYO होटल में रात बिताई और अगली सुबह उस व्यक्ति ने महिला को घर छोड़ दिया। हालांकि, महिला ने अगले दिन लड़के के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगा दिया और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 के तहत केस दर्ज हो गया।

उच्च न्यायालय की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'याचिकाकर्ता ने किसी भी तरह के जबरन यौन कृत्य का आरोप नहीं लगाया। शिकायतकर्ता का कहना है कि वे दोनों सहमति से साथ थे। मगर, आरोप यह है कि सहमति बलपूर्वक ली गई थी।' अदालत ने पुलिस जांच पर भी सवाल उठाया और कहा कि मामले में दोनों के बीच ऑनलाइन चैट का जिक्र होना चाहिए था। आखिर इसके बिना आरोप पत्र कैसे दायर कर दिया गया।

इसके अलावा, जस्टिस नागप्रसन्ना ने कहा कि मामले में गवाहों ने जो बयान दिए उससे विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। आरोपी के वकील का तर्क रहा कि इस मामले में जांच खराब तरीके से की गई। अदालत की ओर से इस दावे को गंभीरता से लिया गया। इस तरह पीठ ने कार्यवाही पर रोक लगाते हुए कहा, 'यह मामला डेटिंग ऐप्स के खतरों का उदाहरण पेश करता है।' हाई कोर्ट ने कर्नाटक पुलिस को नोटिस भी जारी किया। साथ ही, कर्नाटक सरकार को घटिया जांच के आरोपों का जवाब देने को कहा गया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी।

Tags:    

Similar News

-->