BIG BREAKING: हाईकोर्ट के जज को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने लगाई फटकार, जानें क्या कहा था?
नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यक्रम में विवादित बयान देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों ने फटकार लगाई है. सूत्रों के मुताबिक, CJI जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाले पांच जजों के कॉलेजियम ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव को फटकार लगाई.
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सलाह दी है कि वे अपने संवैधानिक पद की गरिमा बनाए रखें. सार्वजनिक भाषण देते समय अपने संवैधानिक रुतबे का ध्यान रखें और अतिरिक्त सावधानी बरतें. कॉलेजियम में CJI के अलावा जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हृषिकेश रॉय और ए जस्टिस एस ओक भी शामिल थे.
मंगलवार को जज शेखर यादव सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों के कॉलेजियम के सामने पेश हुए. उन्होंने कहा कि मीडिया ने अनावश्यक विवाद पैदा करने के लिए उनके भाषण से चुनिंदा अंश पेश किए हैं. लेकिन कॉलेजियम उनके स्पष्टीकरण से सहमत नहीं था और भाषण में जिस तरह से उन्होंने कुछ बयान दिए, उसके लिए उन्हें फटकार लगाई.
SC कॉलेजियम ने उन्हें बताया कि संवैधानिक पद पर होने के नाते, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जजों का आचरण, व्यवहार और भाषण लगातार जांच के दायरे में रहता है और इसलिए उनसे उच्च पद की गरिमा बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है.
CJI जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई में पांच जजों के कॉलेजियम ने जस्टिस शेखर यादव से बातचीत की. उनसे सवाल भी किए. करीब 45 मिनट तक सवाल-जवाब का दौर चला. सुप्रीम कोर्ट में सूत्रों के मुताबिक जस्टिस यादव को आगे भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
जस्टिस शेखर यादव 8 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में गए थे. वहां उन्होंने कहा, 'यह देश बहुसंख्यकों के बनाए हुए कानून से चलेगा. एक विशेष समुदाय का जिक्र करते हुए उन्होंने सवाल किया कि जब बचपन से ही बच्चों के सामने जानवर काटे जाते हैं तो वो बच्चे बड़े होकर दयालु और सहनशील कैसे हो सकते हैं? मुसलमानों के एक वर्ग को 'कठमुल्ला' बताते हुए उन्होंने कहा था कि इनका अस्तित्व देश के लिए खतरनाक है.'