तिरुवनंतपुरम: केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के सुधाकरन ने शनिवार को आरोप लगाया कि माकपा की राज्य इकाई में सब कुछ ठीक नहीं है। सुधाकरन वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के संयोजक और माकपा के दिग्गज ई पी जयराजन के समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के प्रस्तावित कार्यान्वयन के खिलाफ बुलाई गयी बैठक में नहीं आने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
सुधाकरन ने कहा, “कुछ समय से, सीपीआई (एम) में चीजें अच्छी नहीं हैं और बदतर होती जा रही हैं। पार्टी के भीतर विभिन्न कारणों से गंभीर मतभेद उभरने लगे हैं।"
जयराजन तब से अपनी पार्टी से नाराज हैं जब से उनके जूनियर सहयोगी एम वी गोविंदन को न केवल पार्टी का राज्य सचिव बनाया गया बल्कि पिछले साल कोडियेरी बालाकृष्णन के निधन के बाद पोलित ब्यूरो में एक सीट भी दी गई। उनकी नाराजगी पहली बार तब सामने आई जब उन्होंने गोविंदन की राज्यव्यापी यात्रा में शामिल होने से इनकार कर दिया, जब यात्रा उनके गृह नगर कन्नूर पहुंची तब भी उन्हें नहीं देखा गया। दवाब के बाद उन्हें यात्रा में शामिल होने के लिए मजबूर होना पड़ा।
सूत्रों का कहना है कि जब से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पार्टी में धाक बना ली है, उन्होंने उन लोगों को दूर रखने का फैसला किया है जो कई बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। वह थॉमस इसाक, ए के बालन, ई पी जयराजन और जी सुधाकरन जैसे दिग्गजों को बाहर रखने में कामयाब रहे।
दूसरा कार्यकाल जीतने के बाद सबसे आश्चर्यजनक फैसला तब आया जब उन्होंने के के शैलजा को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया, जिन्होंने कोविड महामारी में अच्छे काम के लिए प्रशंसा हासिल की थी। जिन लोगों को कैबिनेट में जगह दी गई, उनमें उनके सबसे करीबी सहयोगी और पहली बार आए उनके दामाद भी शामिल थे। सुधाकरन ने कहा, “यूसीसी पर कोझिकोड में सीपीआई (एम) द्वारा बुलाई गई बैठक किसी काम की नहीं। गोविंदन को चीजें समझ में नहीं आती हैं, इसलिए वह यूसीसी पर हमारे रुख के बारे में पूछ रहे हैं, जबकि हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है।"