जयपुर: अलवर के रामगढ़ से कांग्रेस विधायक जुबेर खान (61) का शनिवार सुबह निधन हो गया है। उन्होंने अलवर शहर के पास ढाई पेडी स्थित अपने फार्म हाउस में सुबह 5:50 बजे अंतिम सांस ली। आज शाम उन्हें रामगढ़ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि एक साल पहले उनका लिवर ट्रांसप्लांट हुआ था। पार्टी कार्यकर्ताओं ने बताया कि वह डेढ़ साल से बीमार थे। लोकसभा चुनाव के दौरान अधिक परिश्रम के कारण उनकी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां और बिगड़ गईं। करीब 15 दिन पहले उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी।
बता दें कि जुबेर खान के गांधी परिवार से अच्छे संबंध थे। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई अलवर में पूरी की और फिर दिल्ली चले गए जहां उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। ज़ुबेर खान के दो बेटे आदिल (29) और आर्यन (26) हैं।
जुबैर खान 1990 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर अलवर के रामगढ़ से विधायक बने थे। उस समय उनकी उम्र 25 साल थी। 1993 में वे फिर विधायक बने और इसके बाद एनएसयूआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे। वे कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके बाद 2003 में वह एक बार फिर विधायक बने और उसके बाद विधानसभा में सचेतक रहे। हालांकि, 2008 और 2013 में वे चुनाव हार गए। 2018 के चुनाव में उनकी पत्नी साफिया खान को कांग्रेस ने टिकट दिया और वे जीत गईं। 2023 में जुबेर खान फिर से विधायक बने।
जुबेर खान की पत्नी साफिया राजनीति में सक्रिय हैं और विधायक भी रह चुकी हैं। अब जुबेर खान की मौत के बाद राज्य में रिक्त हुई विधानसभा सीटों की कुल संख्या सात हो गई है। इसलिए अब सात सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होंगे। पांच सीटें पहले ही खाली हो गई थीं, क्योंकि मौजूदा विधायक लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए थे। हाल ही में छठी सीट, सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के कारण रिक्त हुई थी। जिन पांच सीटों पर विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उपचुनाव होंगे उनमें दौसा, झुंझुनू, देवली उनियारा, खींवसर और चौरासी शामिल हैं।