कृषि कानून पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के बयान से बढ़ा कन्फ़्यूजन, अब दी ये सफाई
नई दिल्ली. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ( Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने अपनी टिप्पणी पर उस सफाई दी है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि सरकार फिर कृषि कानून (Farm Laws In india)वापस लाएगी. तोमर ने कहा- 'मैं कभी यह कहा ही नहीं.' समाचार एजेंसी ANI के अनुसार तोमर ने कहा कि 'मैंने यह कहा कि भारत सरकार ने अच्छे कानून बनाए थे. अपरिहार्य कारणों से हम लोगों ने उन्हें वापस लिया है. 'कृषि से जुड़े नए मसौदे के सवाल पर तोमर ने कहा- 'यह नहीं कहा… बिल्कुल गलत प्रचार है.'
इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा था कि देश में कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बहुत ही कम हुआ है. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये तोमर ने कहा कि कृषि सुधार कानूनों को निरस्त करने के बावजूद सरकार निराश नहीं है.
तोमर कृषि उद्योग प्रदर्शनी 'एग्रोविजन' के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस मौके पर मौजूद थे. गडकरी इस पहल के मुख्य संरक्षक हैं. मंत्री ने कहा था, 'हम कृषि संशोधन कानून लाए. किंतु कुछ लोगों को ये कानून पसंद नहीं आए जो आजादी के करीब 70 वर्ष बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाया गया एक बड़ा सुधार था.'
उन्होंने कहा था , 'लेकिन सरकार इससे निराश नहीं है. हम एक कदम पीछे हटे और हम फिर आगे बढेंगे क्योंकि किसान भारत की रीढ़ की हड्डी है.' उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में बड़े निवेश की जरूरत है. मंत्री ने कहा, 'एक क्षेत्र जहां सबसे कम निवेश हुआ है, वह कृषि क्षेत्र है.' तोमर ने कहा था कि निजी निवेश अन्य क्षेत्रों में आया जिससे रोजगार पैदा हुए और सकल घरेलू उत्पाद में इन उद्योगों का योगदान बढ़ा. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि इस क्षेत्र में मौजूदा निवेश से व्यापारियों को फायदा होता है न कि किसानों को.