देहरादून। दून अस्पताल मेडिकल कॉलेज के रूप में अस्तित्व में आया, उसके बाद कोरोनेशन व गांधी शताब्दी को वर्ष 2019 में एक साथ मिलाते हुए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल का दर्जा दिया गया। इसके बाद गांधी शताब्दी अस्पताल को कोरोनेशन का पार्ट-टू कहा गया। उसके बाद गांधी शताब्दी अस्पताल में लगातार अपडेट्स होते रहे। मरीजों के लिए कई फैसिलिटीज उपलब्ध कराई गई। जिसमें आई सर्जरी, महिला विंग, स्किन और ब्लड बैंक जैसी सुविधाएं मुहैया कराई गई। लेकिन, अब इस अस्पताल में बदहाली नजर आ रही है। वॉश रूम में तंबाकू की पीक आसानी से देखी जा सकती है। फायर सेफ्टी के नाम पर फायर सिलेंडर की वर्ष 2019 से रिफिलिंग तक नहीं कराई जा सकी है। बेसमेंट पर बारिश का पानी रुका हुआ है। जिससे डेंगू के खतरे से इंकार नहीं किया जा सकता है। बड़ी बिल्डिंग की दीवारों पर नमी से निकल रही सीमेंट की पपड़ी।-पानी के पानी वाले रूम पर नजर आया ताला।-फायर सिलेंडर की रिफिलिंग तक नहीं। बेसमेंट पर बरसात का पानी, डेंगू का खतरा।-ग्राउंड फ्लोर पर रूफ सिलिंग तक नहीं।-शो केस लिए फ्लावर पॉट्स में सूखे प्लांट्स।-दो लिफ्ट्स में से केवल एक संचालित।-सिटिंग बैंच पर सुखाए जा रहे बरसाती।