प्रियदर्शनी बैंक घोटाले की रकम लौटाने लगी कंपनियां

Update: 2023-08-17 11:36 GMT
रायपुर: छत्तीसगढ़ के इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक में गरीबों की रकम पर डाका डालकर किए गए करोड़ों के घोटाले के पीड़ितों के लिए अब अच्छी खबर है। विभिन्न कंपनियों की शेयर में लगाई गई घोटाले के जरिए हड़पी रकम बैंक में वापस लौटाने का सिलसिला शुरू हो गया है। एक कंपनी ने 50 लाख रुपए एकमुश्त लौटाए हैं।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक में वर्ष 2006 में लगभग 54 करोड़ के घोटाले का मामला सामने आया था। उस दौर में इस घोटाले की रकम को छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र के 42 उद्योगपतियों की 35 से ज्यादा कंपनियों के शेयर खरीदने में लगाई गई थी। जब यह घोटाला उजागर हुआ तो आरोपियों ने शेयर ही बेच दिए। उसके बाद से घोटाला चर्चाओं में रहा है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा छाया रहा।
राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार बनने पर जून 2023 को बैंक घोटाले की नए सिरे से जांच की मांग की गई, जिस पर रायपुर के प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी भूपेश कुमार बसंत ने जांच की अनुमति दे दी। इतना ही नहीं इस घोटाले के समय के बैंक मैनेजर का नार्को टेस्ट हुआ तो उसमें बड़े खुलासे हुए और यह सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में बैंक का मैनेजर कई बड़े नेताओं के नाम लेते हुए घोटाले में शामिल होने की बात कह रहा था। बैंक घोटाले की जांच शुरू होने पर पुलिस ने उन कंपनियों से संपर्क किया, जिनके शेयर खरीदे गए थे तो राशि लौटाने का सिलसिला शुरू हो गया।
इसी क्रम में हाईलैंड फाइनेंस एंड ट्रेडिंग कंपनी ने 50 लाख की राशि जमा कराई है। पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर को नोटिस जारी किया था और उससे पूछताछ भी की थी। इससे पहले भी एक कंपनी ने 30 लाख रुपये जमा कराए थे। इस राशि के वापस होने पर भूपेश बघेल ने एक ट्वीट कर कहा कि इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले के मामले में 50 लाख रुपए और जमा हुए, घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढे़गी शिकंजा कसता जाएगा, वैसे-वैसे परिणाम मिलते जाएंगे, पहले जांच इसलिए नहीं हुई क्योंकि इसमें राजनीतिक साथ-गांठ थी, हम वहां तक भी पहुंचेंगे।
बताया गया है कि बैंक में जिन लोगों की राशि जमा थी, उनकी राशि बैंक की ओर से वापस करने की प्रक्रिया जारी है। अब तक लगभग आधे खाता धारकों को उनकी राशि वापस की जा चुकी है। यह वे खाता धारक हैं, जिनकी राशि एक लाख रुपये से कम है। अब तक लगभग 12 करोड़ की रकम खाता धारकों को लौटाई जा चुकी है।
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