महिला के मर्डर के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल ने कबूला गुनाह, पुलिस को बताया उस रात का पूरा सच

जानिए कैसे खुला राज?

Update: 2023-09-12 10:41 GMT
देहरादून: अपराधी चाहे कितना भी शातिर क्यों न हो लेकिन कहीं न कहीं वो अपने अपराध के पीछे कोई न कोई सुराग छोड़ ही जाता है। देहरादून के सनसनीखेज ब्लाइंड मर्डर केस में लेफ्टिनेंट कर्नल रमेंदु उपाध्याय ने भी यही गलती की और पुलिस ने महज 24 घंटे के अंदर ही एक महिला के मर्डर मिस्ट्री को सुलझा लिया।
राजधानी देहरादून के रायपुर इलाके में शनिवार को सड़क किनारे महिला का शव पड़ा मिला था। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि हत्या का आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल रमेन्दू उपाध्याय देहरादून के क्लेमेंटॉउन में तैनात है और पहले से ही शादीशुदा है जिसका एक डेढ साल का बच्चा भी है। ये पूरा मामला अवैध प्रेम प्रसंग का है।
इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने 4 टीमें गठित की थी। जिसमें पहली टीम ने घटनास्थल के आस पास रहने वाले लोगों से गहनता से पूछताछ की। दूसरी टीम ने घटनास्थल के रास्तों पर लगे सीसीटीवी के कैमरों को चैक किया। तीसरी टीम ने मृतका द्वारा पहनी ड्रेस की जानकारी के लिए जुडियो ब्रांड के शोरूम जाखन व किशननगर चौक जाकर जानकारी प्राप्त की। चौथी टीम ने मृतिका की शिनाख्त हेतु आवश्यक कार्यवाही की।
पुलिस टीम ने पाया कि दोनों शोरूम से उस आर्टिकल की 8 ड्रेस बिकी है जिनके सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी। घटनास्थल के आस-पास के लोगों से पूछताछ करने पर जानकारी मिली की रात्रि में अंतिम बार 11.00 बजे लगभग ग्रामीण की गाड़ी अन्दर आयी थी। पुलिस टीम ने रात 11 बजे से सुबह 4 बजे तक लगभग 240 वाहनों को चैक किया। 18 चौपहिया वाहनों के नम्बर व वाहन स्वामियों के पते प्राप्त किये गये।
एक गाड़ी रामेन्दू उपाध्याय के नाम होना पाया गया जिसकी जानकारी पता करने पर घटना के दौरान वाहन स्वामी का मोबाइल फोन स्विच आफ था। घटना के दौरान महाराणा प्रताप चौक से थानो चौक तक पहुंचने में लिये गये समय में लगभग 42 मिनट के अतिरिक्त समय का होना पाया गया जिस पर पुलिस टीम ने वाहन स्वामी रामेन्दू उपाध्याय को हिरासत में ले कर पूछताछ की।
आरोपी रामेन्दू उपाध्याय ने अपना गुनहा कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपी से मोबाईल फोन भी बरामद किया जिसमें मृतका के साथ रामेन्दू उपाध्याय की फोटो होना, मृतिका के मोबाइल नम्बर से बात करना पाया गया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसकी मुलाकात नेपाली मूल की एक लडकी श्रेया शर्मा से डांस बार सिटी सेंटर सिलीगुड़ी में हुई थी। उसे श्रेया शर्मा बहुत पसंद आई। मुलाकात श्रेया से दोस्ती के नाते हुई उसके बाद हमारी आपसी रिलेशन बन गए। हम दोनों सिलीगुड़ी में पति-पत्नी की तरह रहते थे। मैं श्रेया के सारे खर्चे उठाता था।
उसने कहा, "जब मेरी पोस्टिंग देहरादून में हुई तो मैं श्रेया को भी अपने साथ देहरादून ले आया। जिसकी जानकारी मेरी पत्नी को हुई तो मैंने श्रेया को कुछ दिन होटल में रखने के बाद वापस सिलीगुडी भेज दिया। उसे दुबारा देहरादून बुला लिया और कुछ दिन होटल में रखने के बाद मैंने क्लेमनटाउन में एक फ्लैट किराये पर लिया और उसे वहां रख दिया। कुछ दिन सही रहने के बाद वह लगातार मुझे अपनी पत्नी का दर्जा देने का दबाब बनाने लगी और इसको लेकर वहां मुझे गाली गलौज करने लगी। मुझसे शराब और होटल से खाना मंगाती थी। मैं ही खाना बनाता था, उसे खाना बनाना नहीं आता था। मेरा लगभग रोज फ्लैट में आना जाना था इसका मेरी पत्नी को भी पता चल गया था। श्रेया मुझसे लगातार दुर्व्यवहार करती थी। और मुझे गालियां देती थी। कहती थी कि तुमने मेरी लाइफ खराब कर दी है मुझे रखैल की तरह रखा हुआ है। मुझसे शादी कर लो इस बात को लेकर हमारा झगड़ा होता रहता था।"
उसने आगे बताया कि पिछले कुछ दिनों पहले श्रेया की लड़ाई मेरी पत्नी के साथ हुई। मैं असमंजस की स्थिति में था कि मैं क्या करूं मैं बहुत परेशान हो गया था । इसलिए मैंने उसे जान से मारने की योजना बनायी।
उसने आगे बताया, "श्रेया और मैं बीयर पीने के लिए राजपुर रोड स्थित एक क्लब गए। जहां पर रात को हमने शराब पी, मैंने उसे ज्यादा शराब पिलाई और खुद कम शराब पी, फिर मैंने उसे लॉन्ग ड्राइव में चलने को कहा। मैंने अपनी गाड़ी में भी कुछ बीयर और शराब रख ली। फिर मैंने अपनी गाड़ी जंगल जाने वाले रास्ते पर ले ली। मेरी गाड़ी में एक हथौड़ा था। श्रेया शराब के नशे में मुझे गा़डी में शारीरिक सम्बन्ध बनाने को कह रही थी और अपने कपड़े उतारने लगी। मैंने योजना के अंतर्गत अपनी कार की पिछली सीट में रखे हथौड़े को निकाल कर श्रेया पर ताबड़तोड़ सर पर वार किया। जब वह मर गई तो मैं गाड़ी को थोड़ा और आगे ले गया और उसे किनारे फेंक दिया।"
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