16 फरवरी तक बंद रहेंगे कॉलेज और यूनिवर्सिटी, हिजाब विवाद को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने लिया फैसला
कर्नाटक। कर्नाटक में हिजाब विवाद को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने सभी डिग्री कॉलेजों, यूनिवर्सिटी और प्रोफेशनल कोर्स के संस्थानों को 16 फरवरी तक के लिए बंद करने का आदेश दिया है. इससे पहले उच्च शिक्षा विभाग ने 9 से 11 फरवरी तक इन शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने की घोषणा की थी. हालांकि इस बीच 11वीं और 12वीं के स्कूलों को बंद को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. हालांकि शुक्रवार को मुख्यमंत्री बोम्मई की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें सीएम ने राज्य में सोमवार से खुल रहे स्कूलों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है.
स्कूलों के खुलने को लेकर सीएम ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि एसपी और डीसी को संवेदनशील क्षेत्रों के प्रमुख स्कूलों का दौरा करना चाहिए. यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संवेदनशील क्षेत्रों में कोई अप्रिय घटना न हो. मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि डीसी, एसपी और डीडीपीआई को प्राचार्य, शिक्षकों, अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन बोर्ड के लगातार संपर्क में रहना चाहिए. साथ ही जनप्रतिनिधियों, गणमान्य व्यक्तियों और जिले के वरिष्ठों के साथ लगातार संपर्क में रहने का भी निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अराजक तत्वों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए. पुलिस और प्रशासन को शांति बैठकें करनी चाहिए और हाई कोर्ट के आदेश का पालन किसी भी सूरत में कराया जाना चाहिए. डीसी और एसपी अपने जिले के स्कूलों का दौरा करें और स्थिति का जायजा लें. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन को किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकना चाहिए. छोटी-छोटी घटनाओं को भी गंभीरता से लेना चाहिए. उधर, कर्नाटक हिजाब विवाद पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई. दायर याचिकाओं में तुरंत सुनवाई की गुजारिश की गई थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि हम देखेंगे कि कब इसमें दखल देने का सही समय है. बता दें कि मामला फिलहाल कर्नाटक हाई कोर्ट में है.
याचिकाकर्ताओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं. इसमें कांग्रेस नेता बीवी श्रीनिवास राव की याचिका भी थी. इससे पहले गुरुवार को कर्नाटक हाई कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने अगले आदेश तक स्कूल कॉलेजों में धार्मिक पोशाक पहनने पर रोक लगाई थी. हाईकोर्ट के अगले आदेश तक शिक्षा संस्थानों में हिजाब न पहनने के अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए वकील देवदत्त कामत ने दलील रखी थी कि हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश उचित नहीं है. एग्जाम भी सर पर हैं. इसपर सीजेआई ने कहा कि अभी हाई कोर्ट सुनवाई कर ही रहा है, लिहाजा उनको ही इसे सुनने दिया जाए.
इस मामले में उडुपी गवर्नमेंट कॉलेज के प्रिंसिपल रुद्र गौड़ा ने कहा था कि विवाद पिछले साल 27 दिसंबर के बाद शुरू हुआ और इसे भड़काने के पीछे कुछ छात्र संगठनों का हाथ है. उन्होंने यहां तक कहा कि अब देखकर लगता ही नहीं है कि वो छात्राएं उन्हीं के कॉलेज की हैं. प्रिंसिपल से पूछा गया कि 31 दिसंबर को क्या कुछ छात्राओं ने उनसे हिजाब पहनकर आने की इजाजत मांगी थी. इसपर प्रिंसिपल ने बताया कि हां ऐसा हुआ था और उन्होंने छात्राओं को बता दिया था कि उन्होंने उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी है और उनका जवाब ना आने तक बिना हिजाब के आना होगा.