बिश्नोई ने कहा, 'आप मेरे कॉल रिकॉर्ड और मेरी जांच कर सकते हैं. इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. मैं यह भी नहीं जानता कि पीड़ित कौन हैं. अगर यह साबित हो जाता है कि मैंने धमकी भरे फोन किए थे, तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं.'
महावीर प्रसाद ने कहा, 'जब विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ तो तब मैं अपने परिवार के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए हिसार गया हुआ था. मैं कैसे जाकर पीड़ित परिवार से मिल सकता था. मुझे यकीन है कि प्रदर्शन स्थल पर कोई पहलवानों को गलत जानकारी दे रहा है.ये पहलवान मुझे सालों से जानते हैं.अगर कोई उनसे मेरा नाम लेने को कहता है तो उन्हें बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय मुझसे बात करनी चाहिए थी.'
बिश्नोई ने कहा कि उनका किसी के प्रति कोई गलत इरादा नहीं है और उन्हें इसमें जबरन घसीटा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने विरोध स्थल पर पहलवानों के पक्ष में नहीं खड़े होने का फैसला किया. बिश्नोई ने कहा, 'बजरंग ने मुझे कॉल किया और उनके प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह किया. मैंने इनकार करते हुए कहा कि मैं तटस्थ रहना चाहता हूं. कुश्ती के अपने जुनून के लिए मैंने अपनी CISF की नौकरी छोड़ दी और पहलवानों को तैयार करने में मदद करने के लिए राष्ट्रीय शिविर में शामिल हो गया.'