जयपुर: राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत की टेंशन फिर बढ़ सकती है. नए साल के मौके पर बाड़मेर से आने वाले उनके मंत्री और सचिन पायलट के करीबी हेमाराम चौधरी के बयान से सूबे में सियासी सियासी पारा चढ़ गया है.
वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि नेताओं को उम्र को देखते हुए समय पर संन्यास ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि वो 8 बार चुनाव लड़ चुके हैं और आगे उनकी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है. राजनीति में नेताओं को अपनी उम्र तय करनी चाहिए.
गौरतलब है कि हेमाराम चौधरी सचिन पायलट के कट्टर समर्थक माने जाते हैं और सचिन पायलट के समर्थकों की तरफ से लगातार कहा जाता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 70 पार कर चुके हैं. ऐसे में नौजवान को नेतृत्व देना चाहिए. हेमाराम चौधरी के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान से कई कयास लगाए जा रहे हैं.
दूसरी तरफ विधायक प्रजापति ने ऐलान कर दिया कि जब तक बाड़मेर जिले के अंदर बालोतरा को जिला नहीं बनाया जाएगा, वो जूते नहीं पहनेंगे. दरअसल, विधानसभा में गहलोत सरकार कह चुकी है कि आगे राज्य में कोई नया जिला बनाने का प्रावधान नहीं है. ऐसे में कांग्रेस के ही विधायक ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
इधर, राजस्थान में गहलोत सरकार ने कांग्रेस के नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां देने का सिलसिला शुरू कर दिया है. कांग्रेस के जिलाध्यक्षों को राज्य सरकार के 20 सूत्रीय कार्यक्रम का उपाध्यक्ष बनाया गया है. हालांकि विपक्ष में रहते हुए BJP के इस क़दम का कांग्रेस ने विरोध किया था. अब उसी रास्ते पर प्रदेश कांग्रेस सरकार भी चल पड़ी है.