सीएम योगी ने कहा- कोरोना संक्रमितों का इलाज करें सरकारी व निजी अस्पताल, खर्च वहन करेगी सरकार
प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के दूसरे दौर में भी 'दवाई भी-कड़ाई भी' के सूत्र को प्रभावी ढंग
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: लखनऊ, प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के दूसरे दौर में भी 'दवाई भी-कड़ाई भी' के सूत्र को प्रभावी ढंग से अमल में लाने के बेहतर परिणाम मिलने से सीएम योगी आदित्यनाथ का उत्साहित हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को टीम-11 के साथ कोविड-19 की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रदेश में हर संक्रमित का बेहतर से बेहतर इलाज हो।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 प्रबंधन की टीम-11 के अध्यक्षों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक की व आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विगत 24 घंटों में प्रदेश में 25,633 लोग उपचारित होकर डिस्चार्ज हुए हैं। अब तक 7.77 लाख से अधिक लोग कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। यह सुखद स्थिति 'दवाई भी-कड़ाई भी' के सूत्र को प्रभावी ढंग से अमल में लाने का परिणाम है।
सभी को मिले उपचार, सरकार वहन करेगी खर्च: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोई भी निजी या फिर सरकारी अस्पताल किसी भी संक्रमित का इलाज करने से इन्कार न करे। सभी को इलाज देना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि कोई भी निजी या सरकारी अस्पताल कोविड मरीज के उपचार से इन्कार नहीं कर सकता। नियमानुसार सरकार इनके उपचार का खर्च वहन करेगी, लेकिन मरीज को तुरंत ही अपेक्षित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आए लोगों को समुचित इलाज उपलब्ध कराया जाए।
सामान्य है ऑक्सीजन आपूर्ति: मुख्यमंत्री ने कहा कि युद्धस्तर पर किए गए प्रयासों के कारण आज उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन आपूर्ति सामान्य है। केंद्र सरकार ने प्रदेश का ऑक्सीजन आवंटन बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आइआइटी कानपुर के साथ आइआइएम लखनऊ व आइआइटी वाराणसी के सहयोग से ऑक्सीजन ऑडिट कराने शीघ्र ही प्रारंभ किया जाए। इसी प्रकार लखनऊ के एकेटीयू, गोरखपुर में एमएमएमयूटी, कानपुर में एचबीटीयू और प्रयागराज में एमएनआईटी से संपर्क स्थापित कर ऑक्सीजन ऑडिट कार्य में सहयोग लिया जाए। इन संस्थानों को इनके समीपस्थ अलग जिले आवंटित कर ऑडिट कराया जाए। जिससे पता चले कि अचानक मेडिकल ऑक्सीजन की कमी कैसे हो गई। सरकारी कोटे से निजी अस्पतालों को दी गई मेडिकल ऑक्सीजन का उपयोग कब और कैसे किया गया। ऑक्सीजन मांग, आपूर्ति तथा वितरण की लाइव ट्रैकिंग कराने की व्यवस्था लागू हो गई है। इसे प्रभावी बनाया जाए।
शीघ्र पूरा होगा डीआरडीओ का कोविड अस्पताल: मुख्यमंत्री ने कहा सेना के डीआरडीओ के सहयोग से लखनऊ और वाराणसी में स्थापित कराया जा रहा कोविड हॉस्पिटल शीघ्र क्रियाशील हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग संबंधित अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर डीआरडीओ को इसके लिए आवश्यक संसाधन मुहैया कराएं। इन अस्पतालों के संचालन से प्रदेश के चिकित्सा संसाधन और सुदृढ़ होंगे।
वैक्सीनेशन पर जोर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दोनों स्वदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनियों को 50-50 लाख डोज का ऑर्डर दे दिया गया है। इसके अतिरिक्त केंद सरकार भी वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराएगी। अब प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करें कि वैक्सीन वेस्टेज न हो। 18 वर्ष तक से अधिक आयु के नागरिकों के नि:शुल्क टीकाकरण का निर्णय लेने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। यहां पर एक मई से प्रारंभ हो रहे वृहद टीकाकरण अभियान के संबंध में केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं।
होम आइसेालेट को भी मिलेगी ऑक्सीजन: मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रदेश सरकार होम आइसोलेट संक्रमितों को भी ऑक्सीजन दे। होम आइसोलेट संक्रमितों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दे दी है। इसके लिए जिला प्रशासन ने भी गाइडलाइन तय की है। जिसके तहत मेडिकल ऑक्सीजन प्राप्त करने वाले होम आइसोलेट को डॉक्टर के पर्चे और आधार कार्ड दिखाना होगा। इसके बाद वह मेडिकल ऑक्सीजन प्राप्त कर सकेगा। अब प्रदेश के नॉन कोविड अस्पतालों को भी सरकार की तरफ से ऑक्सीजन मिलेगी। सभी जिलाधिकारियों से सरकार ने इनकी संख्या का ब्यौरा मांगा है।
बढ़ाएं ऑक्सीजन टैंकर की संख्या:सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस जैसे अभिनव सहयोग से बड़ा लाभ हुआ है। ऑक्सीजन एयरलिफ्ट भी कराई जा रही है। निजी हो या सरकारी, किसी कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का अभाव नहीं है। ऑक्सीजन टैंकरों की संख्या अब बढ़ाये जाने की जरूरत है। परिवहन विभाग इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करे। इसके अलावा, टैंकरों की आपूॢत के लिए भारत सरकार से भी सहयोग प्राप्त किया जाए। अस्पताल लगाएं अपना ऑक्सीजन प्लांट: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के सभी सौ बेड से अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए। यह शासन की शीर्ष प्राथमिकता का कार्य है।