पुलिस दूर संचार स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम योगी

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Update: 2023-10-01 18:25 GMT
यूपी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि जिस भी फोर्स के साथ में उनका योग्य प्रशिक्षण-उपकरण व शस्त्र रहा है, वह हमेशा विजेता रहा है। हम सब इतिहास में इन बातों को पढ़ते और देखते रहे हैं। आज के समय में भी यह बातें उतनी ही महत्वपूर्ण हो जाती हैं। सीएम योगी ने यह बातें पुलिस रेडियो मुख्यालय पर आयोजित पुलिस दूरसंचार स्थापना दिवस पर कहीं। सीएम योगी ने कहा संप्रभु संपन्न सरकार व राष्ट्र इस बात का ध्यान रखते हैं कि वे आधुनिक तकनीक व अत्याधुनिक साधन में पिछड़ने न पाएं। जिस पुलिस फोर्स के लिए आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है, उसे पता है कि तकनीक का महत्व क्या हो सकता है। सूचना के आदान-प्रदान के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी लेना व सटीक जानकारी सभी स्थलों पर पहुंचाने में पुलिस दूरसंचार विभाग की बड़ी भूमिका होती है।
सीएम ने कहा कि देश के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन 2019 कुंभ प्रयागराज का अवसर हमारी सरकार को प्राप्त हुआ था। यूपी में पहली बार इतना बड़ा आयोजन था। कुंभ का आयोजन हजारों वर्ष से चली आ रही विरासत का हिस्सा है, लेकिन आयोजन भव्य व सुव्यवस्थित-सुरक्षित तरीके से संपन्न हो जाए। यह देश-दुनिया के लिए कौतूहल का विषय था। उप्र वहीं, लेकिन उसी उप्र में पुलिस के कार्य करने का तरीका, व्यवहार व तकनीक अपनाई गई, उसके परिणाम को देश-दुनिया ने देखा। 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज कुंभ में आए। 2019 में यह उपस्थिति इस बात को साबित करती है कि हर भारतीय परिवार से एक सदस्य ने प्रयागराज का दौरा किया। प्रयागराज कुंभ में आकर उन्होंने नए उत्तर प्रदेश की तस्वीर को देखा। आज यूपी के बारे में धारणा बदली है। यूपी किसी पहचान-प्रचार का मोहताज नहीं है। देश-विदेश के जिन लोगों ने आकर देखा, वे इसका संदेश लेकर गए।
उस आयोजन में बेहतरीन तालमेल के जरिए पुलिस रेडियो विभाग के माध्यम से किए गए कार्य उत्कृष्ट कोटि की श्रेणी में गिने जा सकते हैं। सीएम ने कहा कि यूपी पुलिस ने पहली बार 1938 में अपने यहां वायरलेस सेट का प्रयोग किया था। वह यात्रा हरिद्वार कुंभ से प्रारंभ होती है। उस कुंभ में पुलिस रेडियो विभाग की स्थापना के साथ ही टेलीकम्युनिकेशन के किस साधन का उपयोग करें कि इतनी भीड़ में सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा सके। भगदड़ या अफवाह से लोगों को बचाया जा सके। उस समय पुलिस ने तीन हाथियों के दल का सहारा लिया था, जिसके माध्यम से टेलीकम्युनिकेशन का कार्य यूपी पुलिस ले रही थी, फिर यह यात्रा आगे बढ़ती है। रेडियो मुख्यालय की स्थापना होती है और 2019 आते-आते हम हाथी से हैंडसेट तक पहुंच गए हैं। अब तो मोबाइल सेट के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं यानी यह प्रगति की राह है, जो हमें आगे बढ़ने के लिए तो प्रेरित करती ही है, साथ ही आमजन के मन में सुरक्षा-विश्वास का माहौल भी पैदा करती है। हम तकनीक से हार नहीं सकते।
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