CM शिवराज ने कमलनाथ पर कसा तंज, बोले- 'किसी की मृत्यु को अपनी राजनीति चमकाने के लिए मुद्दा बनाना है गलत'

मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर हाहाकार मचाया।

Update: 2021-06-03 09:32 GMT

मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर हाहाकार मचाया, लेकिन वर्तमान की स्थिति देखे तो प्रदेश में पॉजिटिविटि रेट केवल 1% रह गया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टीवी 9 भारतवर्ष से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि ताजा आंकडों के मुताबिक राज्य में 78 हजार टेस्ट के बाद 870 पॉजिटिव केस आए हैं. एक्टिव केस 13 हजार रह गए हैं, लेकिन इन सबके बाद भी सबको कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर करना ही होगा.

उन्होंने कहा कि वायरस तो है लेकिन दुनिया भी चलनी चाहिए. इसलिए अनलॉक किया है, जनता भी इसे मान रही है. वहीं कोरोना को लेकर जागरूकता पर कहा कि कोरोना के संक्रमण को जनता के साथ के बिना नहीं रोका जा सकता. हमने तय किया कि जनता को साथ लेकर काम करेंगे और जनता‌ की सहभागिता से कोरोना को रोकने में हमे कामयाबी भी मिली.
'सरकार के रहते बच्चे अनाथ कैसे हो सकते हैं'
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री‌ बहुत संवेदनशील हैं. उन्होंने अनाथ बच्चों के लिए 10 लाख का फंड बनाया. हमने भी बच्चों के लिए योजना बनाई. इतनी बड़ी सरकार के रहते बच्चे अनाथ कैसे हो सकते हैं. इसलिए अनाथ बच्चों को सरकार प्रति महीने पेंशन देंगी और निशुल्क पढ़ाई करवाएगी.
प्रदेश में बच्चे कोरोना का संकट खत्म होने के बाद दे सकेंगे परीक्षा
राज्य में12वी बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर 12वीं में पास-फेल और नबंरों का क्या आधार रहेगा. इसको लेकर सीएम ने कहा कि 12वीं की परीक्षा को लेकर हमने मंत्री समूह बनाया है. किस तरह से मूल्यांकन होगा वो ये समूह तय करेगा. कुछ विशेषज्ञों की राय है कि 10वीं के रिजल्ट के आधार पर 12वीं की मार्कशीट तैयार की जाए. साथ ही हमने एक विकल्प और दिया है कि कई बच्चे इस कोरोना का संकट समाप्त होने के बाद परीक्षा दे सकेंगे, तब जो भी नंबर आएंगे वहीं उनकी मार्कशीट होगी.
वैक्सीनेशन अभियान को ओर बढाया जाएगा
सीएम ने बताया कि वैक्सीनेशन को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट समितियां पूरी मुस्तैदी से लगी हुई हैं. लगातार अभियान चल रहा है, मुझे उम्मीद है कि वैक्सीनेशन जल्दी ही बढ़ेगा. इसी के ही साथ सीएम ने कहा कि हमने तय किया है कि हम 75 से 80 हजार टेस्ट रोज करेंगे. चाहे कोई पॉजिटिव आए या ना आए. टेस्ट करना इसलिए जरूरी है ताकि कहीं भी कोई संक्रमित मिले, तो उसे आयसोलेट करके कांटैक्ट ट्रेसिंग की जा सके. उनका भी सैंपल लेकर टेस्ट करेंगे. फिर से लहर आने की स्थिति न बनें ये हम कोशिश कर रहे हैं.
कमलनाथ ने किया बिना सिर पैर का विरोध
कांग्रेस और कमलनाथ को लेकर सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि मुझे उम्मीद यह थी कि कोई भी परिपक्व राजनेता और समझदार दल इस संकट के समय सरकार का साथ देता है क्योंकि महामारी में राजनीति नहीं होती, मैंने कमलनाथ जी से आग्रह किया ,सर्वदलीय बैठक भी बुलाई लेकिन दुख की बात है कि उसमें भी वह नहीं आए, एक प्रतिनिधि भेज दिया और उन्होंने लगातार बेबुनियाद बिना सिर पैर का विरोध किया है.
यहां तक कि किसी की मृत्यु को भी मुद्दा बनाने की कोशिश की गई. मृत्यु हुई है अमेरिका में भी हुई है, दूसरे प्रदेशों में भी हुई है, एक भी मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है और राजनीति चमके इसके लिए मृत्यु को मुद्दा बनाकर आपने 'जनता दे रही है साथ अब आ रहे हैं कमलनाथ' यह अभियान शुरू कर दिया. इसे कौन नैतिक और न्यायोचित कहेगा. समझदारी ये थी कि मिलकर हम कोरोना के खिलाफ लड़ते. यह राजनैतिक अवसरवादिता का बहुत घटिया उदाहरण है.


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