CM प्रकाश सिंह बादल का SIT के सामने पेश होने से इनकार, कोटकपूरा गोलीकांड मामले में किया था तलब

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने एसआईटी (SIT) के सामने पेश होने से मना कर दिया है

Update: 2021-06-14 13:20 GMT

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) ने एसआईटी (SIT) के सामने पेश होने से मना कर दिया है. बादल को एसआईटी ने पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप चोरी के बाद इसके विरोध में बैठे प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग के मामले में तलब किया था.

मामले की जांच कर रही ADGP एल. के. यादव की अगुवाई वाली एसआईटी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर बादल को पूछताछ के लिए तलब किया था. एसआईटी ने प्रकाश सिंह बादल को 16 जून को सुबह 10.30 बजे तलब किया था. प्रकाश सिंह बादल ने अपने स्वास्थय का हवाला देते हुए पेश होने से मना कर दिया. 2015 के मामले में इससे पहले भी रिटायर्ड IG कुंवर विजय प्रताप की अगुवाई वाली एसआईटी पिछले साल 16 नवंबर को प्रकाश सिंह बादल को पूछताछ के लिए बुला चुकी है.
नालियों में मिले थे श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप के पन्ने
मामला 1 जून 2015 का है. इस दिन बरगाड़ी से करीब 5 किलोमीटर दूर गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप चोरी हो गए थे। जिसके कुछ महीनों बाद 2015 में ही गुरुद्वारा साहिब के पास सफेद कागज पर पंजाबी में हाथ से लिखे दो पोस्टर लगे मिले थे. जिस पर काफी अभद्र भाषा में इन स्वरूपों की चोरी में डेरा का हाथ होने की बात लिख सिख संगठनों को खुला चैलेंज किया गया था. इसके बाद नालियों और सड़क पर बिखरे श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप के पन्ने भी मिले.
पुलिस ने संगत पर कर दी थी फायरिंग
जिसके बाद बड़ी संख्या में में लोगों ने प्रदर्शन किए. इसी दौरान 14 अक्टूबर को पुलिस ने कोटकपूरा में प्रदर्शन कर रही संगत पर फायरिंग कर दी. फायरिंग से गांव सरांवा वासी गुरजीत सिंह और बहबल खुर्द वासी कृष्ण भगवान सिंह की मौत हो गई, जबकि करीब दो दर्जन प्रदर्शनकारी और करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए.


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