मुख्यमंत्री ने ईडी के समन को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों की भारी संख्या में तैनाती की गई थी।
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को ईडी के रांची जोनल आफिस में उपस्थित नहीं हुए। दिन के सवा एक बजे उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के एक कर्मचारी सूरज के जरिए एक पत्र ईडी के सहायक निदेशक को भेजा। इस पत्र के साथ उन्होंने ईडी को जानकारी दी कि उन्होंने समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर किया है। सुप्रीम कोर्ट में फैसला आने तक मुख्यमंत्री ने ईडी से पूछताछ नहीं करने की बात कही है।
गौरतलब है कि रांची जमीन घोटाले में ईडी ने पहली बार समन जारी कर हेमंत सोरेन को 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था। उस दिन भी वह ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे थे और एक कर्मचारी के जरिए एक पत्र भेजा था। इस पत्र में उन्होंने समन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए जांच एजेंसी पर कई आरोप लगाए थे। पहले समन पर मुख्यमंत्री की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया था कि लोकपाल, सीबीआई और ईडी को अपनी और अपने परिवार की संपत्ति से जुड़ी सभी जानकारी दे दी है। ईडी चाहे तो वह इन एजेंसियों से दस्तावेज ले सकती है। दोबारा या अन्य जानकारी मांगने पर वह उपलब्ध करा सकते हैं।
सीएम ने पत्र में यह भी कहा था कि केंद्रीय एजेंसियां पिछले एक साल से अधिक समय से मुख्यमंत्री को केवल इसलिए निशाना बना रही हैं क्योंकि वह उस दल के साथ नहीं हैं जो केंद्र की सत्ता में है। ईडी ने उन्हें कथित अवैध खनन से जोड़ने के लिए 17 नवंबर 2022 को तलब किया था। सीएम ने ईडी की मांग पर उनके और उनके परिवार के स्वामित्व वाली सभी संपत्तियों का विवरण 30 नवंबर 2022 को ही दे दिया है। अगर यह खो गया है तो दोबारा मांगे जाने पर दे देंगे।
सीएम ने समन को दुर्भावना से प्रेरित और सरकार को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा भी बताया है। सीएम ने समन वापस लेने की बात कही थी। इसके साथ ही उन्होंने इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी। इसके बाद जांच एजेंसी ने भी इस पत्र के जवाब में मुख्यमंत्री को चिट्ठी भेजी थी और आरोपों को गलत बताते हुए दोबारा समन जारी करते हुए 24 अगस्त को पूछताछ के लिए रांची स्थित दफ्तर में बुलाया था।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को भी ईडी को भेजे गए अपने पत्र में उनके खिलाफ जारी समन को राजनीति से प्रेरित बताया। इससे पहले बीते 14 अगस्त को भी हेमंत सोरेन ने ईडी को पत्र लिखा था और आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ जारी समन पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने अपने और अपने परिजनों की संपत्ति का पूरा ब्यौरा ईडी को पहले ही उपलब्ध करा दिया है।
गुरुवार को दिन के 11 बजे हेमंत सोरेन को ईडी दफ्तर पहुंचना था। लेकिन मुख्यमंत्री ने दिन के तकरीबन 12 बजे महाधिवक्ता को बुलाया। इस दौरान उन्होंने महाधिवक्ता से रायशुमारी की, इसके बाद ईडी को पत्र भेज दिया। ईडी को पत्र भेजने के बाद मुख्यमंत्री खुद प्रोजेक्ट भवन सचिवालय के लिए रवाना हो गए।
मुख्यमंत्री से पूछताछ को लेकर ईडी कार्यालय में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सीआरपीएफ व पुलिस के जवानों की भारी संख्या में तैनाती की गई थी। ईडी कार्यालय के बाहर बैरिकेडिंग भी लगायी गई थी। पूछताछ की तैयारियों को लेकर अधिकारियों की टीम दिन के साढ़ेदस बजे ही पहुंच गई थी।
हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए की गई पुख्ता तैयारियों के बीच जांच एजेंसी के अधिकारी अपने दफ्तर में बैठे रहे। अधिकारियों ने अपने दफ्तर में एक बजे तक सीएम के आने का इंतजार किया। हालांकि सीएम के पत्र भेजे जाने के बाद इसकी जानकारी ईडी मुख्यालय को जोनल आफिस के अधिकारियों ने दी।