झोलाछाप डॉक्टर का भंडाफोड़: इलाज से गर्भवती महिला की मौत, बच्चे को डस्टबिन में फेंका...ऐसा हुआ गिरफ्तार

उत्तर पूर्वी दिल्ली में एक झोलाछाप डॉक्टर का भंडाफोड़ हुआ है.

Update: 2021-05-25 17:46 GMT

उत्तर पूर्वी दिल्ली में एक झोलाछाप डॉक्टर का भंडाफोड़ हुआ है. यह महिला झोलाछाप तब पकड़ में आई जब इलाज के दौरान एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे की मौत हो गई. इस घटना के बाद महिला के परिजनों ने रविवार को पुलिस में शिकाय दर्ज करवाई है, जिसके बाद पुलिस एक्शन में आ गई. आरोपी महिला का नाम रेखा है. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और उसके क्लीनिक को सील कर दिया है. आरोपी महिला के पास कोई भी डिग्री नहीं है.

वहीं मृतक महिला संध्या हर्ष विहार की रहने वाली थी. यहां वह अपने पति अर्जुन सिंह और दो बेटियों के साथ रहती थी. मृतक महिला के पति ने बताया कि संध्या छह महीने की प्रेगनेंट थी और स्वामी दयानंद अस्पताल में उसका चेकअप चल रहा था. शनिवार को संध्या की तबीयत खराब हो गई तो वह उसे अस्पताल ले गए. जहां भीड़ और कोरोना के खतरे को देखते हुए वह उसे वैष्णव क्लीनिक पर ले गए.
16 हजार रुपये एडवांस जमा कराए
यहां मौजूद रेखा ने खुद को डॉक्टर बताया. उसने अर्जुन से जांच रिपोर्ट मांगी और फिर संध्या को एडमिट करने को कहा. उसने एडवांस 16 हजार रुपये भी मांगे, जिसे अर्जुन ने डिपॉजिट किया. कुछ देर बाद अर्जुन वहां से चाय लेने चला गया. जब अर्जुन लौटा तो रेखा ने उसे संख्या से मिलने नहीं दिया और कहा कि वह अस्पताल भेजने के लिए एंबुलेंस मंगा रही है. इस पर अर्जुन और उसके कुछ रिश्तेदारों ने संध्या से मिलने की जिद की.
बच्चे को डस्टबिन में फेंका
बाद में उन्हें पता चला कि संख्या के साथ-साथ उसके बच्चे की मौत हो चुकी है. इतना ही नहीं रेखा ने उसके बच्चे को डस्टबिन में डाल दिया था. इस मामले की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने शव का पंचनामा कर जीटीबी अस्पताल पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया.
जांच में पता चला है कि रेखा मीत नगर के एक क्लीनिक पर सफाई कर्मचारी के रूप में काम करती थी. उसके पास कोई भी मेडिकल की डिग्री नहीं है. डॉक्टरों को देख-देख कर उसने अपना क्लीनिक खोल लिया. मृतक महिला के पति की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.
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