CJI रमणा बोले- ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जज बनकर देश का भविष्य बदलें, दिया ये जोर
नई दिल्ली: ज्यादा से ज्यादा महिलाएं वकालत के पेशे में आएं. जज बनें और देश का परिदृश्य और भविष्य बदलें. इस बारे में महिला पेशेवर वकीलों के साथ न्यायपालिका को भी सोच में बदलाव लाते हुए उसी राह पर चल कर दिखाना होगा. यह बातें भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमणा (Chief Justice NV Ramana) ने जस्टिस हिमा कोहली के सम्मान में आयोजित समारोह में कहीं.
जस्टिस हिमा कोहली के सम्मान समारोह में सीजेआई एनवी रमणा ने कहा कि न्यायपालिका में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है, लेकिन अभी मंजिलें और भी हैं, क्योंकि निचली अदालतों में अभी सिर्फ 30 फीसदी महिला जज ही हैं, जबकि हाईकोर्ट में महिला जजों की हिस्सेदारी सिर्फ 10-11 फीसद ही है. सुप्रीम कोर्ट में तो और भी कम हैं.
उन्होंने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट कॉलेजियम में अपने साथी भाई बहन जजों से कहूंगा कि वो परिदृश्य बदलें. हाईकोर्ट कॉलेजियम जजों की नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश करते हुए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के इस तथ्य को भी ध्यान में रखें.
'हमारी कोशिश हो कि ज्यादा से ज्यादा महिला वकील हों'
सीजेआई रमणा (Chief Justice NV Ramana) ने कहा कि पिछले हफ्ते मैं दिल्ली में ही नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में गया था. ये देख कर अच्छा लगा कि वहां पचास फीसद से ज्यादा संख्या लड़कियों की थी. सिर्फ एक ने ही कहा कि वो वकालत करना चाहती हैं, जबकि अधिकतर लड़कियों ने कहा कि वो लॉ फर्म्स ज्वाइन करना चाहती हैं. हमें ये परिदृश्य और सोच भी बदलनी है. हमारी कोशिश हो कि ज्यादा से ज्यादा महिला वकील हों.
देश के भविष्य के लिए ये काफी शुभ संकेत होगा. इस समारोह में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस इंदिरा बनर्जी, दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस रेखा पल्ली और जस्टिस प्रतिभा मनिंदर सिंह भी मौजूद रहीं.