Baba Rudranand आश्रम में चूरी महोत्सव की धूम

Update: 2024-07-17 10:55 GMT
Una. ऊना। उत्तरी भारत के सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल डेरा बाबा रूद्रानंद आश्रम नारी में वार्षिक चूरी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान मंत्रोच्चारण के साथ पांच पीपल पर सवा मन देसी घी की बनी हुई चूरी चढ़ाई गई। श्रीश्री 1008 सुग्रीवानंद जी महाराज और हेमानंद जी ने मंगलवार को विधिपूर्वक पूजा अर्चना की। इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भंडारे का प्रसाद लेकर आयोजन का समापन हुआ। जानकारी के अनुसार सुबह सबेरे आश्रम में भीड़ उमडऩा शुरु हो गई। दोपहर तक आश्रम में लंबी-लंबी कतारें जुट गई। भीषण गर्मी व उमस के बीच भी लोगों की श्रद्धा में कमी नहीं आई। कतारों में घंटों इंतजार के बाद
श्रद्धालुओं को पवित्र धूने के दर्शन हुए।

मान्यता है कि आज से लगभग 300 वर्ष पहले जब बाबा रूद्रानंद कुटिया में रहते थे, तो रात के समय वह अपने भजन में व्यस्त थे। इस दौरान उन्हें आवाज सुनाई दी कि आप यहां से छोडक़र चले जाओ। उन्होंने पूछा कि आप कौन बोल रहे हैं तो आवाज ने कहा यह हमारा स्थान है। हम यहां तपस्या करते हैं, आप यहां से चले जाओ। इसपर बाबा रूद्रानंद जी ने विनम्र भाव से उन्हें प्रार्थना करते हुए कहा मुझे यहीं पर ही तपस्या करने की आज्ञा दीजिए। उस आवाज ने बाबा रूद्रानंद जी को आज्ञा दे दी और साथ ही यह कहा की हर वर्ष श्रावण मास के पहले मंगलवार को इन पांच पीपल पर सवा मन देसी घी की चूरी शुद्ध देसी घी के साथ तैयार करके और इन पांच पीपल की पूजा अर्चना करके चढ़ाई जाए। इसके बाद उसे संगत में बांट दिया जाए। तब से यह प्रक्रिया आश्रम में निरंतर जारी है।
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