Christmas 2024: जाने क्यों मनाया जाता है क्रिसमस, क्या है इसका इतिहास

Update: 2024-12-24 14:19 GMT
Christamas 2024: खुशियों का त्योहार क्रिसमस करीब है. यह त्योहार कल यानी 25 दिसंबर के दिन देश और दुनिया में मनाया जाएगा. आपसी प्रेम और भाईचारे का यह उत्सव मनाने के लिए चर्चों और गिरिजाघरों में तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. अब से कुछ ही घंटों में इस उत्सव का आगाज भी हो जाएगा. हर साल 25 दिसंबर के दिन मनाया जाने वाला क्रिसमस ईसाईयों समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है. आइए जानते हैं क्रिसमस के महत्व, इतिहास और सांस्कृतिक पहलू के बारे में.
क्रिसमस का इतिहास
इस दिन जीजस क्रिस्ट यानी यीशु का जन्म हुआ था, जिन्हें ईश्वर का बेटा कहा जाता है. उनके नाम क्राइस्‍ट से ही क्रिसमस बना है. प्राचीन कथा के अनुसार, ईसाई धर्म की स्थापना करने वाले यीशु का जन्म क्रिसमस के दिन हुआ था. इसलिए पूरी दुनिया में इस दिन को क्रिसमस-डे कहकर मनाया जाता है.
प्राचीन कथा के अनुसार, मरीयम को एक सपना आया था जिसमें भविष्यवाणी हुई कि उन्हें प्रभु के पुत्र यीशु को जन्म देना है. मरीयम गर्भवती हुईं और गर्भावस्था के दौरान उन्हें बेथलहम जाना पड़ा. रात होने की वजह से उन्हें वहीं रुकने का सोचा, लेकिन उन्हें वहां रुकने के लिए कोई ठीक जगह नहीं मिली. थोड़े समय बाद, उन्हें एक जगह दिखी जहां पशुपालन करने वाले लोग रहते थे. मरीयम ने वहीं रुकने का फैसला किया. अगले दिन, मरीयम ने उसी जगह पर यीशु को जन्म दिया. यह घटना ईसाई धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसे क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है.
इस त्योहार का प्राचीन इतिहास है. "क्रिसमस" शब्द की उत्पत्ति "क्राइस्ट" शब्द से हुई है. दुनिया में पहली बार क्रिसमस का खास त्योहार रोम में 336 ईस्वी में मनाया गया था. उसके बाद से पूरी दुनिया में इस त्योहार की प्रसिद्धि बढ़ती गई और आज अन्य धर्मों के लोग भी इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं.
क्रिसमस का त्योहार प्यार, करुणा और एकता का प्रतीक है. यह त्योहार हमें यीशु के संदेश को याद दिलाता है जो प्यार, सहानुभूति और एकता के महत्व पर जोर देता है. क्रिसमस का महत्व (Christmas Importance) क्रिसमस का महत्व ईसाइयों के लिए बहुत अधिक होता है. प्रभु यीशु (Lord Jesus) के जन्म के मौके पर क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है. अब से कुछ दशक पहले तक क्रिसमस विदेशी मनाया करते थे लेकिन अब भारतीयों के लिए भी यह त्योहार अन्य त्योहारों से कम नहीं है.
क्रिसमस अब केवल धार्मिक पर्व नहीं रह गया है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक घटना बन गई है, जिसमें खुशी, उदारता और देने की भावना शामिल होती है. यह वह समय है जब परिवार एक साथ आते हैं, प्यार साझा करते हैं और यादगार पल बनाते हैं. इस उत्सव के लिए लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री सजाते हैं. अपने दोस्तों और करीबियों को गिफ्ट देते हैं. लोग क्रिसमस कैरोल गाते हैं और अपनों के साथ मिलकर विशेष भोजन का आनंद लेते हैं. उत्सव में सांता क्लॉज भी नजर आता है, सांता क्लॉज एक प्रतीक है, जो दया और भलाई का संदेश देता है, जो बच्चों को उपहार देकर खुशियाँ बांटता है.
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