बच्चों को जल्द मिलेगी अच्छी खबर: कोवोवैक्स के फेज 2/3 के ट्रायल शुरू, इतने साल के बच्चे होंगे शामिल

Update: 2021-10-01 02:55 GMT

पुणे. कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जंग में अब तक वैक्सीन से वंचित रहे बच्चों को जल्द ही अच्छी खबर मिल सकती है. पुणे के भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज (Bharati Vidyapeeth Medical College Hospital) में बुधवार को कोवोवैक्स (Covovax) वैक्सीन के फेज 2/3 का ट्रायल शुरू हो गया है. फिलहाल, यह परीक्षण 7 से 11 साल के बच्चों पर किया जा रहा है. इधर, दिल्ली में भी हमदर्द चिकित्सा विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में कोवोवैक्स के दूसरे चरण के परीक्षण के लिए वॉलिंटियर्स की भर्तियां शुरू हो गई हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर संजय ललवानी ने बताया, 'पुणे के भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ने बुधवार को 7 और 11 साल की उम्र के बच्चों के बीच कोवोवैक्स के 2/3 चरण के ट्रायल शुरू कर दिए हैं. ट्रायल के लिए 9 बच्चे भर्ती किए गए हैं.' वैक्सीन के इस चरण के परीक्षण के लिए देश में 9 केंद्रों की पहचान की गई है. भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल भी इनमें शामिल है.
डॉक्टर ललवानी ने बताया कि ट्रायल में शामिल होना चाह रहे बच्चों के माता-पिता से पहले चर्चा की गई थी. उन्होंने कहा, 'भर्ती होना चाह रहे बच्चों को स्थानीय भाषा में सलाह दी गई थी और ऑडियो विजुअल कंसल्टिंग प्रक्रिया को रिकॉर्ड किया गया. एक बार पैरेंट्स सहमति दे देते हैं, तो वॉलिंटियर का RT-PCR टेस्ट और एंटीबॉडी टेस्ट होता है. हालांकि, यह उन्हें ट्रायल का हिस्सा होने से नहीं रोकता है.'
भारत में बच्चों पर कोविड के खिलाफ वैक्सीन ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसमें शामिल होने की उम्र 2 से 17 साल है. पुणे में शुरू हुए ट्रायल के दौरान बच्चों को 21 दिन के अंतराल पर दो डोज दिए जाएंगे. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से भारत लाई गई नोवोवैक्स वैक्सीन का भारतीय स्वरूप कोवोवैक्स है.
भाषा के अनुसार, हमदर्द चिकित्सा विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में दो से 17 वर्ष की आयु के बच्चों के बीच कोविड-19 रोधी टीके कोवोवैक्स के तीन चरणों में से दूसरे चरण के नैदानिक ​​परीक्षण के लिए स्वयंसेवियों की भर्ती रविवार को शुरू हुई. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह परीक्षण 10 स्थानों पर होगा और इसमें 920 बच्चे शामिल होंगे जिनमें 12-17 और 2-11 आयु वर्ग में 460-460 बच्चे शामिल होंगे.
भारत के दवा नियामक ने जुलाई में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को दो से 17 साल की आयु की उम्र के बच्चों पर कोवोवैक्स के दूसरे चरण के परीक्षण के लिए कुछ शर्तों के साथ कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (सीईसी) की सिफारिशों के आधार पर अनुमति दी थी.
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