बाल विवाह गैरकानूनी, सजा के लिए रहें तैयार

Update: 2024-04-28 12:00 GMT
कोटली। कोटली में एसडीएम असीम सूद की अध्यक्षता में शनिवार को बाल विवाह रोकने व बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के प्रति जागरूक करने को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में एसडीएम असीम सूद ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति तथा गैरकानूनी है। इसकी रोकथाम के लिए कानूनी प्रविधानों के कार्यान्वयन के साथ साथ समाज में जागृति लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लडक़ी और 21 वर्ष से कम आयु के लडक़े को नाबालिग माना जाता है और नाबालिगों द्वारा किया विवाह गंभीर और गैर जमानती अपराध है तथा कहा कि बाल विवाह करवाने या बढ़ावा देने में सहायक व्यक्तियों को दो साल तक की सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। एसडीएम ने कहा कि बाल विवाह होने की सूरत में संबंधित अभिभावकों, संलिप्त मैरिज हॉल, पंडित, मौलवी, अभिभावक, रिश्तेदार, पड़ोसी, बैंडवाले, टैंटवाले, डीजे और कैटर्स भी अपराध की श्रेणी आते है।

बाल विवाह करवाने या बढ़ावा देने में सहायक व्यक्तियों को दो साल तक की सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। असीम सूद ने बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारियों कर्मचारियो, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों, पुजारियों, केटरिंग, टैंट हाउस व डीजे वालों से आह्वान किया कि तुरंत इसकी सूचना सबंधित अधिकारियों को देकर बाल विवाह जैसी बुराई को जड़ से खत्म करने में सभी अपना सहयोग दें। उन्होंने बाल विवाह की शंका को देखते हुए लडक़ा-लडक़ी के बालिग होने की पुष्टि हेतु इनके जन्म तिथि से संबंधित कागजात अवश्य देखने के लिए कहा। एसडीएम ने बाल विवाह के आयोजन से संबंधित जानकारी जिलाधिकारी, उपमंडलाधिकारी, बाल विकास निषेध अधिकारी सीडीपीओ, नजदीकी पुलिस थाना को देने या फिर पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 व 1090 पर सूचित करने के लिए कहा।
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