नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में टीचर भर्ती घोटाले में राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक माहौल पूरी तरह गरम है. दो दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने एक बयान में कहा कि मैं भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती हूं. उन्होंने आगे कहा कि सभी लोग एक जैसे नहीं होते हैं.
मैं चाहती हूं कि सच्चाई एक समय सीमा में सामने आए.
उन्होंने कहा कि अगर दोषी साबित पाए जाते हैं तो उम्र कैद की सजा दिए जाने में भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि मैंने जीवनभर राजनीति की है. ये अपने निजी फायदे के लिए नहीं की. मेरे लिए राजनीति ही जनसेवा है. राजनीति लोगों से प्यार करने और देश की सेवा करने के बारे में है. ये मैंने अपने शिक्षकों, माता-पिता से सीखा है.
ममता ने आगे कहा कि क्या सभी एक जैसे हो सकते हैं? मतभेद होंगे... सभी व्यक्ति एक जैसे नहीं होते. उन्होंने कहा कि मेरे जीवन का उद्देश्य भ्रष्टाचार का समर्थन करना नहीं है. मुझे एक पूर्व सांसद के रूप में 1 लाख पेंशन मिलती है और मैं सीएम के रूप में 2 लाख वेतन प्राप्त करती हूं.
उन्होंने कहा कि नेताजी ने भी अपनी पुस्तक में भूल करने के अधिकार के बारे में लिखा है. जिस दिन मुझे उन छात्रों (एसएससी के उम्मीदवार) के बारे में पता चला जो वंचित रह गए हैं, मैं खुद जाकर उनसे मिली. फिर भी मैंने नई पोस्ट बनाकर उन्हें समायोजित करने की कोशिश की. यदि कोई गलती करता है तो उसे संशोधन करने का अवसर दिया जाना चाहिए. हालांकि, मैं ये दावा नहीं कर सकती कि हर कोई संत है, लेकिन मैंने कभी भी जानबूझकर कोई गलत काम नहीं किया है.