मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवनिर्वाचित विधायक के रूप में शपथ ग्रहण की

Update: 2021-10-07 08:49 GMT

पश्चिम बंगाल: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अमीरुल इस्लाम और जाकिर हुसैन ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में नवनिर्वाचित विधायकों के रूप में शपथ ग्रहण की।

भवानीपुर उपचुनाव जीतने के बाद से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कुछ ज्यादा ही आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही हैं। ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने एक लेख लिखकर अपनी पार्टी टीएमसी को कांग्रेस से अधिक प्रभावी बता दिया है। ममता ने पार्टी के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' के लेख में लिखा है कि कांग्रेस भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने में बुरी तरह विफल रही है, इसलिए भारत के लोगों ने फासीवादी भगवा पार्टी को हटाकर एक नया भारत बनाने की जिम्मेदारी तृणमूल कांग्रेस पर डाल दी है। ममता ने लिखा कि इस साल की शुरुआत में राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ शानदार जीत के बाद टीएमसी ने देश भर के लोगों का विश्वास अर्जित किया है। इस लेख का शीर्षक 'दिल्ली आर डाक' दिया गया है।
ममता ने कहा कि हमने कभी भी कांग्रेस को अलग नहीं रखा लेकिन तथ्य यह है कि हाल के दिनों में, कांग्रेस भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने में विफल रही है। पिछले दो लोकसभा चुनावों में यह साबित हो गया था। यदि आप केंद्र में लड़ाई नहीं दे सकते हैं, तो जनता का विश्वास टूट जाता है। ममता ने कहा कि भाजपा को राज्यों में कुछ और वोट मिले, हम इस बार ऐसा नहीं होने दे सकते।
ममता बनर्जी ने लिखा कि भाजपा विधानसभा चुनावों में अपनी हार को पचा पाने में विफल रही है और प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। अभी, टीएमसी के सामने एक नई चुनौती है - दिल्ली का आह्वान। इस देश के लोग जनविरोधी नीतियों से राहत चाहते हैं और राजनीति एवं फासीवादी ताकतों की बुरी तरह से हार का इंतजार कर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने कहा कि देश के लोग अब टीएमसी को लेकर एक नए भारत का सपना देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग अब भाजपा से परेशान हो गए हैं, इसलिए अब वे इस भगवा पार्टी से छुटकारा चाहते हैं। ममता ने कहा कि टीएमसी को विभिन्न राज्यों से लोगों के फोन आ रहे हैं और वे चाहते हैं कि बंगाल एक नए भारत के लिए लड़ाई का नेतृत्व करे। इसलिए हम कह रहे हैं कि हमें लोगों की पुकार का जवाब देना है। हमें लोगों की इच्छाओं को पूरा करना है और सभी भाजपा विरोधी ताकतों को एक मंच पर लाना है और लड़ाई लड़नी है। दिल्ली पहुंचने के लिए भाजपा विरोधी दलों को टीएमसी का साथ देना होगा।

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