मणिपुर हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने दिया बड़ा बयान
देखें VIDEO...
इंफाल। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में मौजूदा संकट के शांतिपूर्ण समाधान की मांग को लेकर प्रदेशवासियों ने शनिवार को इंफाल घाटी में प्रदर्शन किया। इसी बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने इस्तीफा नहीं देने की वजहें गिनाईं। उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोगों के लिए मैं काम करता रहूंगा। मुख्यमंत्री पद से अपने इस्तीफे से जुड़े सवाल पर बीरेन सिंह ने समाचार एजेंसी 'एएनआई' के साथ बातचीत में कहा कि बीते दिनों बड़ी संख्या में मेरे लिए लोग आए, जनता का विश्वास अभी भी मेरे साथ है। ऐसे में मैं लोगों का आभारी हूं। उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोगों के लिए मैं काम करता रहूंगा।
उन्होंने कहा कि जनता के विश्वास के बिना कोई भी नेता, नेता नहीं हो सकता। मुझे अच्छा लग रहा है कि जब मैं (मुख्यमंत्री आवास से) बाहर निकला तो सड़कों पर भारी भीड़ थी। वे रोये और मुझ पर अपना भरोसा दिखाया। इससे मेरे विचार गलत साबित हुए, क्योंकि लोग अभी भी मेरे समर्थन में खड़े थे। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं इस्तीफा न दूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि वे मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहेंगे, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा और अगर ऐसा नहीं करने के लिए कहेंगे तो मैं ऐसा नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर के लिए राज्य और केंद्र सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। स्थिति को संभालने के प्रयास जारी हैं। फोर्स की 40 से ज्यादा कंपनियां यहां आ चुकी हैं। खाद्य सामाग्री पर्याप्त मात्रा में है। रिलीफ कैंप में लोगों को पहुंचाने से लेकर बाकी काम हो रहे हैं।
वहीं, क्या राज्य में हुई हिंसा में किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन की भूमिका हो सकती है? इस सवाल पर बीरेन सिंह ने कहा कि हम यह नहीं कह सकते हैं, लेकिन मणिपुर म्यांमार का पड़ोसी है। पास में चीन है। हमारी 398 किमी सीमाएं असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा बल है, लेकिन इतने बड़े इलाके की सुरक्षा नहीं की जा सकती, जो अभी हो रहा है उसे देखते हुए हम न तो इससे इनकार कर सकते हैं और न ही जोरदार तरीके से पुष्टि कर सकते हैं... यह पूर्वनियोजित लग रहा है, लेकिन इसके कारण का खुलासा नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों बीरेन सिंह द्वारा इस्तीफा टाइप करने की अपुष्ट खबरें सामने आई थीं। हालांकि, उन्होंने ट्वीट कर तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस कठिन समय में मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा। पूर्वोत्तर राज्य में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।