छिंदवाड़ा बनता सियासी संग्राम का मैदान

Update: 2023-03-23 06:59 GMT
भोपाल (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव हैं और अगले साल लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं। भारतीय जनता पार्टी के लिए राज्य में सबसे बड़ी चुनौती छिंदवाड़ा है। कांग्रेस के गढ़ के तौर पर छिंदवाड़ा पहचान बना चुका है। भाजपा यहां फतह हासिल करने के जतन में जुट गई है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के लिए अपना यह गढ़ बचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा की पहचान कांग्रेस और कमल नाथ के गढ़ के तौर पर है, इसकी वजह भी है क्योंकि बीते चार दशकों में सिर्फ एक लोक सभा चुनाव को छोड़ दिया जाए तो सारे चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इतना ही नहीं वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भी छिंदवाड़ा की सातों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।
राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं इनमें से 28 पर भाजपा ने वर्ष 2019 में जीत हासिल की थी और अगर उसे कहीं पराजय का सामना करना पड़ा था तो वह छिंदवाड़ा थी। आने वाले समय में भाजपा छिंदवाड़ा में हर हाल में जीत हासिल करने की रणनीति बना रही है। इसी के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 25 मार्च को छिंदवाड़ा दौरा प्रस्तावित है। इस दौरे को सियासी तौर पर काफी अहम माना जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री के दौरे को सफल बनाने के लिए भाजपा पूरा जोर लगाए हुए है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे को लेकर कमल नाथ का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छिंदवाड़ा दौरा हुआ था, मगर वहां की सातों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। छिंदवाड़ा में चुनाव जनता और बीजेपी के बीच होता है। छिंदवाड़ा ने 44 साल मुझे विश्वास और प्यार दिया है मुझे इस बात का विश्वास है, कोई आए और जाए, यह विश्वास कायम रहेगा।
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