अवैध खनन मामले में चार्जशीट दाखिल, जांच में खुलासा

Update: 2025-01-31 10:48 GMT
Shimla. शिमला। ईडी ने हिमाचल प्रदेश की ब्यास नदी और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित यमुना नदी के क्षेत्र में अवैध खनन करने के मामले में आरोपियों के खिलाफ गाजियाबाद की विशेष अदालत में प्रोसिक्यूशन कंप्लेंट दाखिल की है। ईडी ने इस मामले में मुख्य आरोपी ज्ञान चंद समेत संजय धीमान, संजय शर्मा, धर्मेंद्र सिंह, दीपक चौधरी, भानु, रविंद्र कुमार मलिक को आरोपी बनाया है। अदालत ने 17 जनवरी को ईडी द्वारा दाखिल इस शिकायत का संज्ञान भी ले लिया है। ईडी ने यह मामला कई शिकायतों और खुफिया जानकारी के आधार पर दर्ज किया था, जिसमें हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और ऊना जिलों में संगठित तरीके से चल रहे अवैध खनन गिरोहों के बारे में जानकारी दी गई थी। ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि अवैध खनन की गतिविधियों से सैकड़ों करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की गई है। ईडी ने अवैध खनन मामले की जांच में हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा कांगड़ा और ऊना जिलों में विभिन्न थानों में दर्ज छह एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। इन एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि सरकारी भूमि पर अवैध खनन हो रहा था और इसमें ट्रक, टिप्पर, पोकलेन, जेसीबी और ट्रैक्टर जैसी भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिला के बेहत पुलिस थाना में पहली नवंबर, 2024 को एक और एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें ज्ञान चंद और अन्य पर आईपीसी सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 और खान एवं खनिज (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 1957 (संशोधित) के तहत आरोप लगाए
गए थे।
यूपी पुलिस की इस एफआईआर को भी ईडी की जांच में शामिल कर लिया गया है। ईडी ने इस मामले में मुख्य आरोपी ज्ञान चंद और उसके सहयोगी संजय कुमार उर्फ संजय धीमान को 18 नवंबर, 2024 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने मामले की जांच के दौरान तीन जनवरी, 2025 को करीब 4.9 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त करने की भी कार्रवाई की। ईडी ने अवैध खनन मामले की जांच के दौरान हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 12 जगहों पर छापेमारी की, जिसमें ज्ञान चंद और उसके अन्य सहयोगी भी शामिल थे। ईडी ने छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं। ईडी की कार्रवाई से यह साफ हुआ कि ज्ञान चंद और उसके सहयोगी ब्यास नदी से लेकर यमुना नदी तक फैले अवैध खनन में लिप्त थे। ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि अवैध खनन से अर्जित काली कमाई का इस्तेमाल अचल संपत्तियों, ट्रकों, टिपरों, जेसीबी, क्रशर और अन्य खनन मशीनरी खरीदने में किया गया। इस संगठित गिरोह ने खनिज संपदा का दोहन कर अवैध तरीके से करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की। ईडी की जांच अभी जारी है और संभावना है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। ईडी अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है, जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस अवैध कारोबार से जुड़े हो सकते हैं।
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