प्याज की बढ़ते कीमतों पर लगाम लगाने केंद्र सरकार का बड़ा फैसला...आम जनता को मिलेंगी राहत

Update: 2020-10-23 12:58 GMT

नई दिल्ली. देश में बढ़ती प्याज की कीमतों (Onion Price) को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है. प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज पर स्टॉक लिमिट नियम लागू कर दिया है. थोक विक्रेता अब सिर्फ 25 मिट्रिक टन प्याज स्टॉक रख सकेगा. जबकि खुदरा व्यापारी मात्र दो मिट्रिक टन प्याज का स्टॉक कर सकेंगे. यहीं नहीं बाज़ारों में प्याज की आवक बढ़ाने के लिए एमएमटीसी 10,000 मिट्रिक टन प्याज आयात के लिए टेंडर जारी करेगा. निजी कंपनियों के अलावा एमएमटीसी रेड प्याज का आयात करेगा.

देश के कई शहरों में प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गई है. बढ़ती कीमतों को काबू करने के लिए प्याज की स्टॉक लिमिट तय की गई है. स्टॉक लिमिट से अधिक प्याज रखने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. नैफेड ने अभी तक 42 हज़ार टन प्याज बेचा है. जबकि नेफेड के पास 20 से 25 हज़ार टन का स्टॉक बचा हुआ है. नैफेड ने इस साल 98 हज़ार टन का स्टॉक बनाया था. एमएमटीसी कल प्याज आयात के लिए टेंडर जारी करेगा.

बारिश के चलते 6 लाख मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन प्रभावित हुआ है. यह जानकारी प्याज उत्पादक राज्यों ने दी है. जमाखोरों ने प्याज़ की कितनी जमाखोरी की है यह आंकड़े सरकार के पास नहीं हैं. बता दें कि कुछ इलाकों में सब्जी मंडी से निकलकर प्याज 150 रुपये किलो तक बिक रही है. वहीं टमाटर भी महंगाई के चलते सुर्ख दे रहा है. टमाटर का भाव 90 रुपये किलो तक पहुंच गया है. लेकिन यह भाव यहीं रुकने वाला नहीं है. सब्जी बेच रहे दुकानदारों का यह कहना है. प्याज-टमाटर पर अभी 10 से 20 रुपये प्रति किलो तक और बढ़ सकते हैं. दुकानदारों के मुताबिक, इसके पीछे सबसे बड़ी वजह जमाखोरी है. हालांकि थोक मंडी और ठेल पर बिकने वाले टमाटर-प्याज के रेट में खासा अंतर है. लेकिन रिटेल दुकानदार का इसके पीछे अपना तर्क है. वजह जो भी हो, लेकिन बजट तो आम आदमी की रसोई का बिगड़ रहा है.



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