जम्मू कश्मीर। जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के बीच केंद्र सरकार इसे लेकर अब सख्त हो गई है. गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए पिछले दो दिन में तीन सख्त कदम उठाए हैं. गृह मंत्रालय ने दो लोगों को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित करने के साथ ही लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को बैन कर दिया है.
गृह मंत्रालय ने 4 जनवरी को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर के मुख्य भर्तीकर्ता अबू उस्मान अली कश्मीरी उर्फ एजाज अहमद को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकी घोषित किया था. गृह मंत्रालय की ओर से इसे लेकर ई-गजट भी जारी किया गया था. गृह मंत्रालय की कार्रवाई इतने पर ही नहीं रुकी. गृह मंत्रालय ने अगले ही दिन दो और सख्त कदम का ऐलान कर दिया.
गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में सक्रिय लश्कर कमांडर मोहम्मद अमीन उर्फ अबू खुबैब को भी आतंकी घोषित कर दिया है. अबू खुबैब को गृह मंत्रालय ने यूएपीए के प्रावधानों के तहत आतंकी घोषित किया है. गृह मंत्रालय ने यूएपीए एक्ट के तहत ई गजट नोटिफिकेशन के जरिये ये घोषणा की. नोटिफिकेशन के मुताबिक पाकिस्तान की शह पर यह आतंकी जम्मू इलाके में सक्रिय है और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से इसका गहरा नाता है. गृह मंत्रालय के मुताबिक अबू खुबैब की पाकिस्तान से घुसपैठियों को भारत की सीमा में दाखिल कराने और जम्मू में आतंक फैलाने में मुख्य भूमिका है. आतंकियों के लॉन्चिंग पैड से यह आतंकी घुसपैठ कराता है और भारत में आतंक फैलाता है. गृह मंत्रालय को जम्मू के डोडा जिले और उसके आसपास के इलाकों में सक्रिय लश्कर आतंकी मोहम्मद अमीन उर्फ अबू खुबैब की जानकारी कई दिनों से मिल रही थी.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक कुछ दिन पहले हुए जम्मू हमलों में भी इस आतंकी की प्रमुख भूमिका थी. खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों का यह भी मानना है कि लश्कर हाल के दिनों में कश्मीर में कमजोर हुआ है. अब यह आतंकी जम्मू में अपने संगठन को मजबूत कर रहा है और इसीलिए उसने इतने बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने में मदद की. खुफिया एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो आतंकियों को हथियार की सप्लाई उनके लिए फंड मुहैया करवाने तक, अबू खुबैब की प्रमुख भूमिका है. गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने ये एक्शन ऐसे समय में लिया है, जब जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ी हैं.